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पुलिस पर आरोप लगाने वाली पीड़िता पर धोखेबाजी का केस

दुष्कंर्म पीड़िता की मदद के बदले पुलिस ने शारीरिक शोषण का प्रयास किया और जब पीड़िता ने इसकी शिकायत की तो उसे धोखेबाजी के केस में फंसा जेल में डाल दिया।

By Monika minalEdited By: Published: Sat, 24 Jun 2017 11:19 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jun 2017 12:52 PM (IST)
पुलिस पर आरोप लगाने वाली पीड़िता पर धोखेबाजी का केस
पुलिस पर आरोप लगाने वाली पीड़िता पर धोखेबाजी का केस

रामपुर (जेएनएन)। दो दिनों पहले दुष्‍कर्म पीड़िता ने अपराधियों को पकड़ने के बदले पुलिस पर शारीरिक शोषण की कोशिश का आरोप लगाया था। इसके लिए पीड़िता ने पुलिस अधिकारी के खिलाफ ऑडियो के तौर पर सबूत होने की बात भी कही थी। जिसके बाद पुलिस ने पीड़िता पर धोखाधड़ी का आरोप लगा जेल भेज दिया है।

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पुलिस ने लगाया धोखेबाजी का आरोप

पुलिस ने एक शख्‍स को महिला का ब्‍वॉयफ्रेंड बताते हुए जेल में पीड़िता के साथ बंद कर दिया है। पुलिस का कहना है कि दोनों ने मिलकर जांच अधिकारी को फंसाने के लिए यह सब किया। पुलिस के अनुसार रिकार्ड की गयी सीडी में उसके ब्‍वॉयफ्रेंड की आवाज है। हालांकि अभी इस बात की फॉरिंसिक लैब में जांच नहीं हुई है।

फॉरेंसिक जांच से बच रही है पुलिस

इस मामले की जांच उस थाने के ही एक वरिष्ठ अधिकारी को सौंपी गई, जहां जांच अधिकारी तैनात है। उस अधिकारी ने जल्दबाजी में दो दिनों के अंदर ही जांच पूरी कर ली। मामले की जांच करने वाले गंज स्टेशन हाउस ऑफिसर रविंद्र प्रताप सिंह ने फॉरेंसिक जांच न कराए जाने का बचाव करते हुए कहा, 'इस मामले में फरेंसिक जांच की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि हमने उस मोबाइल को जब्त किया है, जिससे महिला को फोन किया गया। यह मोबाइल महिला के बॉयफ्रेंड का है।' जब जांच अधिकारी को बताया गया कि हो सकता है बॉयफ्रेंड का फोन किसी और ने इस्तेमाल करके फोन किया हो तो इस पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

वकील और पुलिस प्रशासन में भिड़ंत

रामपुर के एसपी विपिन ताड़ा ने कहा, 'ब्‍वॉयफ्रेंड के साथ महिला ने पुलिस को बदनाम करने के लिए सबइंस्‍पेक्‍टर के खिलाफ यह जाल बुना। सीडी में जो ऑडियो है उसकी आवाज अधिकारी की आवाज से नहीं मिलती है।' पुलिस ने महिला और उसके ब्‍वॉयफ्रेंड के खिलाफ दर्ज एफआईआर में एक अज्ञात वकील का नाम भी शामिल किया है, जिस पर शहर के वकील भड़क गए हैं। शहर के वकील इस पर पुलिस प्रशासन से भिड़ गए हैं।

सीनियर एडवोकेट, मेंबर व यूपी के बार काउंसिल के पूर्व अध्‍यक्ष इमरान महबूब खान ने कहा, 'पुलिस जिस तरह से एक वकील को मामले में फंसा रही है, वह पूरे न्यायिक सिस्टम के लिए चिंताजनक है। पूरा बार काउंसिल वकील के साथ है और हम इस मामले को मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष उठाएंगे।'

पुलिस के अनुसार, 12 फरवरी की रात को रिश्‍तेदार के घर से वापस रामपुर लौटते हुए महिला के साथ दो लोगों ने गैंगरेप किया जिसमें से एक महिला का परिचित था।

पुलिस ने किया था इंकार

बता दें कि पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने से इंकार कर दिया था। इसके बाद महिला ने स्थानीय कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और फिर एक हफ्ते बाद इस मामले में केस दर्ज किया गया। 21 फरवरी को 55 वर्षीय अमीर अहमद और 45 वर्षीय सत्तार अहमद के खिलाफ IPC की धारा 376 डी (गैंगरेप), 323 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया।

पीड़िता का कहना...

महिला के अनुसार, 'जब भी मैंने SI जय प्रकाश सिंह से आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए कहा, उन्होंने पहले मेरे साथ सेक्स करने की मांग रखी। उन्होंने मुझे फोन कर के भी अपने घर आने को कहा। जब मैंने ऐसा करने से मना कर दिया, उन्होंने मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर कर दी।' महिला ने आगे बताया, 'उन्होंने रेप के बारे में कई बार आपत्तिजनक सवाल किए। इसके बाद उन्होंने मुझे कहा, तुम पहले मेरी हसरत पूरी करो, तब मुलजिम पकड़े जाएंगे। जब मुझसे यह बर्दाश्त नहीं हुआ तो मैंने चुपके से उनकी सारी बातचीत रिकॉर्ड कर ली और SP को सौंप दी।'

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