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कोरोना महामारी का कामकाजी महिलाओं पर असर, सर्वे में हुआ मानसिक स्थिति को लेकर चौंकाने वाला खुलासा

सर्वे के मुताबिक कोरोना महामारी के कारण प्रत्येक दो में से एक कामकाजी महिला इस वक्त मानसिक रूप से तनाव में है।

By Neel RajputEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 01:49 PM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 01:49 PM (IST)
कोरोना महामारी का कामकाजी महिलाओं पर असर, सर्वे में हुआ मानसिक स्थिति को लेकर चौंकाने वाला खुलासा
कोरोना महामारी का कामकाजी महिलाओं पर असर, सर्वे में हुआ मानसिक स्थिति को लेकर चौंकाने वाला खुलासा

नई दिल्ली, आइएएनएस। कोरोना महामारी के दौर में कामकाजी महिलाओं की मानसिक स्थिति को लेकर एक चौंकाने वाला सर्वे सामने आया है। इस सर्वे के अनुसार, कोरोना काल में कामकाजी महिलाएं तनाव से गुजर रही हैं। इसके मुताबिक प्रत्येक दो में से एक कामकाजी महिला इस वक्त मानसिक रूप से तनाव में है। दरअसल, कोरोना काल में बच्चों के स्कूल, प्ले स्कूल आदि सब बंद हैं और घर से ही ऑनलाइन क्लासेज चल रही हैं। ऐसे में महिलाओं के लिए अपना काम करने के साथ-साथ बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। अब उन्हें चाइल्ड केयर के साथ-साथ अपना काम भी करना है जिसके कारण उनमें पुरुषों की तुलना में मानसिक तनाव ज्यादा बढ़ा है।

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माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाली कंपनी लिंक्डइन द्वारा किए गए 'वर्कफोर्स कॉन्फिडेंस इंडेक्स' सर्वेक्षण में यह डाटा सामने आया है। इस सर्वेक्षण में बताया गया है कि कामकाजी महिलाएं चाइल्डकेयर को लेकर पुरुषों की तुलना में ज्यादा तनाव में हैं। यह सर्वेक्षण भारत की 2,254 काम करने वाली महिलाओं पर किया गया है जिसके आधार पर यह सामने आया है कि बच्चों की देखभाल को लेकर कामकाजी महिलाएं काफी तनाव में हैं।

सर्वे कि मुताबिक बाहर काम करने वाली प्रत्येक तीन में से एक यानी 31 फीसद महिलाएं फुल-टाइम चाइल्ड केयर दे रही हैं जबकि प्रत्येक पांच में से एक यानी 17 फीसद पुरुष फुल टाइम चाइल्ड केयर कर रहे हैं। अध्ययन से पता चलता है कि महामारी के दौरान पुरुषों की भागीदारी बढ़ी है, लेकिन महिलाएं अभी भी बच्चों की देखभाल करने में सबसे ज्यादा समय देती हैं।

प्रत्येक पांच में से एक (20 फीसद) कामकाजी माताएं अपने बच्चों की देखभाल के लिए परिवार के किसी सदस्य या मित्र पर निर्भर रहती हैं, जब उनकी तुलना में 32 पुरुष ऐसा करते हैं। निष्कर्षों से पता चला है कि 46 फीसद से अधिक कामकाजी महिलाएं बच्चों की देखभाल के साथ अपना काम पूरा करने के लिए कई घंटों एक्स्ट्रा रुक कर काम कर रही हैं। वहीं, 42 फीसद महिलाएं घर पर अपने बच्चों के साथ काम पर ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ हैं।


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