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हर महीने 5000 सैनिटरी पैड बांटते हैं ये 'पैड कपल', कुछ इस तरह मिली प्रेरणा..

गुजरात के सूरत के रहने वाले पैड कपल मीना और अतुल मेहता हर महीने जरुरतमंद महिलाओं और लड़कियों को 5000 पैड्स का वितरण करते हैं।

By Srishti VermaEdited By: Published: Tue, 13 Feb 2018 10:44 AM (IST)Updated: Tue, 13 Feb 2018 04:23 PM (IST)
हर महीने 5000 सैनिटरी पैड बांटते हैं ये 'पैड कपल', कुछ इस तरह मिली प्रेरणा..
हर महीने 5000 सैनिटरी पैड बांटते हैं ये 'पैड कपल', कुछ इस तरह मिली प्रेरणा..

सूरत (एएनआई)। फिल्म 'पैडमैन' भले ही बॉक्स-ऑफिस पर सुपरहिट के फार्मूले पर खरी नहीं उतरी हो लेकिन इसने भारतीय समाज में एक क्रांति जरूर ला दी है। आज हर कोई महिला-पुरुष, उंच-नीच, अमीर-गरीब के भेदभाव से उपर उठकर इस मुद्दे पर खुलकर विचार कर रहा है। इस विषय पर कितनी समाजसेवा की कहानियां जानें अब तक दब चुकी थीं लेकिन अब धीरे-धीरे वे सामने आ रहे हैं। सूरत के 'पैड कपल' की कहानी कुछ इस तरह की ही है। यहां इन्हें पैड कपल इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि मीना मेहता और अतुल मेहता (मैरिड कपल) मिलकर इस दिशा में पिछले पांच सालों से एक सराहनीय काम कर रहे हैं।

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बांटते हैं हर माह 5000 सैनिटरी पैड 

गुजरात के सूरत के रहने वाले पैड कपल मीना और अतुल मेहता हर महीने जरुरतमंद महिलाओं और लड़कियों को 5000 पैड्स का वितरण करते हैं। वे कुछ दिनों और कुछ महीनों से नहीं बल्कि पिछले 5 सालों से ऐसा करते आ रहे हैं। वैसी महिलाएं और लड़कियां जो पैसों के अभाव में सैनिटरी पैड्स खरीदने में सक्षम नहीं हैं उनके लिए ये कपल वरदान साबित हुए हैं। मेहता कपल हर महीने स्लम्स, निगम स्कूलों और आंगनवाड़ी में काम करने और पढ़ने वाली लड़कियों के बीच सैनिटरी पैड्स बांटने का काम करते हैं।

कुछ इस तरह मिली प्रेरणा..

मीना कहती हैं- एक बार मैंने दो गरीब लड़कियों को डस्टबिन से गंदे पैड्स को एकत्र करते हुए देखा, जब मैंने उनसे पूछा कि वे ऐसा क्यों कर रही हैं? उन्होनें बताया कि वे उसे हर महीने एकत्र करती हैं उन्हें धोकर साफ करती हैं और उसके बाद उसका इस्तेमाल करती हैं। उन्होंने बताया कि चूंकि उनके पास नए सैनिटरी पैड्स खरीदने के पैसे नहीं होते हैं, इसलिए वे ऐसा करती हैं। मीना ने कहा कि इस घटना ने उन्हें अंदर से झकझोर कर रख दिया। इस वाक्ये से उन्हें कुछ अलग करने की प्रेरणा मिली। मीना कहती हैं कि मैं लोगों से अपील करती हूं कि वे इस तरह की महिलाओं और लड़कियों की मदद करें।


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