इशरत जहां मामले में फिर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
इशरत जहां मुठभेड़ मामले में गुजरात पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक साजिश का अभियोग खत्म करने की मांग पर विचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है।
नई दिल्ली। इशरत जहां मुठभेड़ मामले में गुजरात पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक साजिश का अभियोग खत्म करने की मांग पर विचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। लश्कर आतंकी डेविड हेडली के हालिया खुलासे के बाद जनहित याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट के सामने यह मामला उठाया गया है। अदालत से इस मामले में गुजरात पुलिस के अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ की गई सभी कार्रवाई को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है।
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मंगलवार को वकील एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में जल्द सुनवाई का अनुरोध किया। इस पर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर और यूयू ललित की खंडपीठ ने कहा कि तारीख पड़ने दीजिए। हम इस मामले की सुनवाई करेंगे। 26/11 मामले में गवाही देते हुए हेडली ने मुंबई की एक अदालत को बताया था कि इशरत लश्कर की फिदायीन हमलावर थी।
उल्लेखनीय है कि 15 जून, 2004 को तत्कालीन डीआइजी डीजी वंजारा की अगुवाई में अहमदाबाद पुलिस ने इशरत को तीन अन्य आतंकियों के साथ मार गिराया था। इस मामले में वंजारा समेत कई अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। उनके खिलाफ अब भी मुंबई की एक अदालत में मुकदमा चल रहा है।
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सीबीआइ निदेशक का कुछ कहने से इन्कार
लश्कर की फिदायीन आतंकी इशरत जहां को लेकर डेविड हेडली के खुलासे पर केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक अनिल सिन्हा ने फिलहाल कुछ कहने से इन्कार कर दिया है। मुंबई में सीबीआइ के नए दफ्तर का उद्घाटन करने आए सिन्हा ने बताया कि यह मामला अभी अदालत में है। इसे देखते हुए मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं।