कोरोना के खतरे को देख सुप्रीम कोर्ट ने लिया फैसला, सोमवार से केवल अर्जेंट मामलों की ही करेगा सुनवाई
कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय लिया है कि वह सोमवार से केवल अर्जेंट मामलों की ही सुनवाई करेगा।
नई दिल्ली, माला दीक्षित। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय लिया है कि वह सोमवार से केवल अर्जेंट मामलों की ही सुनवाई करेगा। देश की शीर्ष अदालत की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, सोमवार से उतनी ही अदालते बैठेंगी जिनकी अर्जेंट मामलों की सुनवाई के लिए जरूरत होगी। अदालत कक्ष में बहस करने वाले एक वकील और एक मुकदमेदार को भीतर प्रवेश करने की इजाजत होगी।
कोरोना के खतरे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने लिया फैसला। सोमवार से सिर्फ अर्जेंट मामलों की होगी सुनवाई। उतनी ही अदालते बैठेंगी अर्जेंट मामलों की सुनवाई के लिए जितने की जरूरत होगी। अदालत कक्ष में बहस करने वाले एक वकील और एक मुकदमेदार को ही अंदर जाने की होगी इजाजत।@JagranNews
— Mala Dixit (@mdixitjagran) March 13, 2020
शीर्ष अदालत की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा जारी परामर्श की समीक्षा करने और स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञों की राय के बाद सभी आगंतुकों, वादकारियों, वकीलों, न्यायालय के कर्मचारियों, सुरक्षा, रख रखाव और सहायक स्टाफ के साथ साथ मीडियाकर्मियों की सुरक्षा के मद्देनजर सक्षम प्राधिकारी ने मुकदमों की सुनवाई केवल जरूरी मामलों तक सीमित रखने का फैसला किया है।
दरअसल, कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित है। वायरस के खतरे के मद्देनजर गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने अधिकारियों और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के सचिव एवं सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन (एससीएओआर) के उपाध्यक्ष के साथ बैठक कर हालात पर मंथन किया। चूंकि राजधानी में लोगों के एक जगह एकत्र होने या आने जाने को सीमिति किया जा रहा है ताकि संक्रमण के खतरे कम किया जा सके। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट भी सजग है।
बताया जाता है कि गुरुवार को हुई उक्त बैठक में मुख्य न्यायाधीश के अलावा जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस यूयू ललित भी मौजूद थे। बैठक में अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल, सालिसिटर जनरल तुषार मेहता, एससीबीए के सचिव अशोक अरोड़ा और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट आन रिकार्ड एसोसिएशन (एससीएओआर) के उपाध्यक्ष मनोज मिश्रा के अलावा स्वास्थ्य और कानून मंत्रालय के अधिकारी भी उपस्थित थे।
भारत में कोरोना के अब तक 81 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 17 विदेशी नागरिक हैं जिन्हें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए केंद्र के साथ साथ राज्य सरकारों ने भी कई कदम उठाए हैं। दिल्ली में अभी तक छह मामलों की पुष्टि हुई है। केजरीवाल सरकार ने स्कूल और सिनेमाघर को बंद करने के बाद निजी स्वीमिंग पूल भी 31 मार्च तक बंद करने के निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे महामारी घोषित करते हुए राज्य के सभी स्कूल-कॉलेजों को 22 मार्च तक के लिए बंद रखने का आदेश जारी किया है।