EWS Reservation: दस फीसदी आरक्षण के फैसले को संविधान पीठ में भेजने पर पहले होगा विचार: सुप्रीम कोर्ट
EWS Reservation सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से गरीबों को दिए गए दस फीसद आरक्षण के केंद्र के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुरू कर दी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। EWS Reservation: सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से गरीबों को दिए गए दस फीसद आरक्षण के केंद्र के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुरू कर दी है। हालांकि कोर्ट ने तय किया है कि वह पहले इस बात की सुनवाई करेगा, कि मामले को संविधान पीठ को भेजा जाए या नहीं।
फिलहाल बुधवार को भी इस पर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट इससे पहले भी इस पर रोक लगाने से जुड़ी एक याचिका को खारिज कर चुका है।
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश एस ए बोबड़े की पीठ ने मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए टिप्पणी भी की। जिसमें कहा कि आरक्षण वैसे भी समानता की अवधारणा से जुड़ा एक अपवाद है और इसकी मंशा ज्यादा मौका देते हुए समानता दिलाने के लिए होती है।
सुप्रीम कोर्ट में इस दौरान याचिका कर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन पेश हुए। जिन्होंने उन्होंने केंद्र के इस फैसले को आरक्षण के तय प्रावधानों के वितरीत बताया और कोर्ट से इसे संविधान पीठ को भेजने से पहले इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग की।
इस दौरान सरकार की ओर से अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने भी पक्ष रखा और कोर्ट से कहा कि वह इस मामले पर तुंरत अंतिम बहस के साथ इसे संविधान पीठ भेजने के सवाल पर अपना पक्ष रखने के लिए तैयार है। वहीं कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह निर्णय किया है, कि पहले वह इस बात की सुनवाई करेंगे, कि क्या याचिका को संविधान पीठ को भेजा जाए या नहीं। वह इसके योग्य है।
केंद्र सरकार के इस फैसले से सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को भी शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में दस फीसद आरक्षण मिलेगा। केंद्र ने सामान्य वर्ग के पिछड़े लोगों को यह आरक्षण पहले तय 50 फीसदी आरक्षण के अतिरिक्त दिया है। इसके आधार पर देश भर में भर्ती भी शुरू हो गई है।
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