उपहार सिनेमा मामले में क्यूरेटिव याचिका पर आज विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट
याचिका उपहार त्रासदी पीडि़त संघ (एवीयूटी) की तरफ से दाखिल की गई है। इस मामले में तीन सदस्यीय पीठ ने नौ फरवरी 2017 को 21 से फैसला सुनाया था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट उपहार सिनेमा त्रासदी मामले में एक क्यूरेटिव याचिका पर विचार करेगा। याचिका पर चीफ जस्टिस एसए बोबडे की पीठ गुरुवार दोपहर 1:40 बजे से सुनवाई करेगी। पीठ में जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस अरुण मिश्रा भी शामिल हैं। याचिका उपहार त्रासदी पीडि़त संघ (एवीयूटी) की तरफ से दाखिल की गई है।
13 जून 1997 को उपहार सिनेमा में भीषण अग्निकांड में 59 लोगों की मौत हुई थीं
13 जून 1997 को उपहार सिनेमा में भीषण अग्निकांड हो गया था, जिसमें 59 लोग मारे गए थे। उस समय फिल्म 'बॉर्डर' का प्रदर्शन चल रहा था। इस मामले में तीन सदस्यीय पीठ ने नौ फरवरी 2017 को 2:1 से फैसला सुनाया था। इसके तहत 78 वर्षीय सुशील अंसल को उम्र संबंधी परेशानी को देखते हुए उतनी ही सजा सुनाई थी, जितनी वे जेल में काट चुके थे। हालांकि, उनके छोटे भाई गोपाल अंसल को बाकी एक साल जेल में काटने का आदेश दिया था। कोर्ट ने इस मामले में जुर्माना भी लगाया था।
राजनीति का अपराधीकरण मामले पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला
राजनीति का अपराधीकरण रोकने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को फैसला सुनाने वाला है। याचिकाकर्ता अश्वनी उपाध्याय ने मांग की है कि राजनैतिक दलों को अपराधिक लोगों को चुनाव के टिकट देने से रोका जाए। इसके साथ ही उम्मदीवारों का अपराधिक रिकार्ड प्रकाशित कराने का आदेश लागू किया जाए।
अपराध में शामिल लोगों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाए केंद्र सरकार
बता दें कि साल 2018 के सितंबर माह में 5 जजों की संविधान पीठ ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह गंभीर अपराध में शामिल लोगों के चुनाव लड़ने और पार्टी पदाधिकारी बनने पर रोक लगाने के लिए तत्काल कानून बनाए।
राजनीति का अपराधीकरण रोकने के लिए कोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार ने नहीं उठाए कदम
वहीं, इसके बाद भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था कि राजनीति का अपराधीकरण रोकने के लिए कोर्ट के आदेश के बावजूद पिछले छह महीने में कोई गंभीर प्रयास नहीं किया गया। वकील अश्विनी की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने भारत सरकार के कैबिनेट सचिव और विधि सचिव से जवाब मांगा था।