सुप्रीम कोर्ट ने दहेज उत्पीड़न के मामले को उन्नाव से किया दिल्ली ट्रांसफर, जानिए क्यों किया ऐसा
मृतक पीड़िता के पिता का आरोप है कि आरोपित राजनीतिक रूप से बेहद प्रभावशाली हैं इसलिए वह जांच में बाधा डाल रहे हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के उन्नाव के एक दहेज के मामले को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है। मृतक पीड़िता के पिता का आरोप है कि आरोपित राजनीतिक रूप से बेहद प्रभावशाली हैं, इसलिए वह जांच में बाधा डाल रहे हैं। सर्वोच्च अदालत में दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि पीड़िता ज्योति सिंह की मौत उन्नाव में अपने ससुराल में 14 मई 2019 को गोली लगने से हुई थी, लेकिन उत्तर प्रदेश की पुलिस इस हत्या को आत्महत्या साबित करने पर तुली हुई है।
आरोपित पक्ष मामले को प्रभावित करने की कर रहा कोशिश
बताया जाता है कि मृतका के ससुर और आरोपितों में से एक मन्नू सिंह चौहान जांच को प्रभावित करने की कोशिश में हैं। वह ब्लाक प्रमुख हैं और राजनीतिक रूप से खासे प्रभावशाली बताए जाते हैं। उनके करीबियों में भाजपा से बर्खास्त विधायक कुलदीप सिंह सेंगर हैं। उन्नाव दुष्कर्म कांड में दिल्ली की अदालत ने सेंगर को दोषी करार दिया है। जस्टिस वी. रामासुब्रह्मण्यम की खंडपीठ ने पीड़िता के पिता राकेश सिंह की अपील पर मामले की सुनवाई तय कर दी है। उनके वकील अदानिश रेन ने कहा कि तीस हजारी कोर्ट में मामला स्थानांतरित नहीं हुआ तो उनके मुवक्किल को उनकी हत्या करा दिए जाने का डर है। लिहाजा, जज ने उनकी अपील स्वीकार कर ली।
ये हैं आरोप हैं
लड़की के पिता का आरोप है कि 2017 में उन्होंने अपनी बेटी की शादी की थी। लेकिन ससुराल पक्ष ने उसी समय दस लाख नकद और कार दहेज में मांगी जो वह पूरी नहीं कर सके। उसके बाद बेटी के पति गोलू सिंह चौहान, सास, ससुर और दो अन्य रिश्तेदारों ने उनकी बेटी को प्रताड़ित किया और आखिर में उसकी जान ले ली।