Move to Jagran APP

सुप्रीम कोर्ट चुनावी बॉन्ड योजना, FCRA संशोधन से जुड़ी याचिकाओं पर अलग-अलग करेगा सुनवाई, केंद्र से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना राजनीतिक दलों को सूचना के अधिकार कानून के दायरे में लाने और विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन अधिनियम में संशोधनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अलग-अलग सुनवाई की जाएगी। फाइल फोटो।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaPublished: Tue, 31 Jan 2023 11:51 PM (IST)Updated: Tue, 31 Jan 2023 11:51 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट चुनावी बॉन्ड योजना, FCRA संशोधन से जुड़ी याचिकाओं पर अलग-अलग करेगा सुनवाई, केंद्र से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट चुनावी बॉन्ड योजना, FCRA संशोधन से जुड़ी याचिकाओं पर अलग-अलग करेगा सुनवाई।

नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना, राजनीतिक दलों को सूचना के अधिकार कानून के दायरे में लाने और विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन अधिनियम में संशोधनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अलग-अलग सुनवाई की जाएगी। याचिकाओं के एक समूह में चुनावी बॉन्ड योजना के जरिए राजनीतिक दलों के वित्तपोषण की अनुमति देने वाले कानूनों को चुनौती दी गई है, जबकि दूसरे में पार्टियों को सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के दायरे में लाने का अनुरोध किया गया है। जनहित याचिकाओं के तीसरे समूह में 2016 और 2018 के वित्त अधिनियम के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम, 2010 में किए गए संशोधनों को चुनौती दी गई है।

loksabha election banner

याचिकाओं को अलग-अलग सुने जाने की जरूरत- पीठ

मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि याचिकाओं में तीन अलग-अलग मुद्दों को उठाया गया है और इसलिए, उनपर अलग-अलग सुनवाई की जरूरत है। मालूम हो कि संशोधित एफसीआरए राजनीतिक दलों को विदेशी चंदा प्राप्त करने की कथित तौर पर अनुमति देता है। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि इन याचिकाओं को अलग-अलग सुने जाने की जरूरत है। पीठ ने केंद्र से पुरानी सहित कुछ याचिकाओं पर अपना जवाब दाखिल करने को भी कहा।

अप्रैल के मध्य में होगी एफसीआरए संशोधनों से संबंधित याचिका की सुनवाई

पीठ ने कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मार्च के तीसरे सप्ताह में सुनवाई होगी, जबकि राजनीतिक दलों को आरटीआई के तहत लाने के अनुरोध संबंधी याचिकाओं पर अप्रैल के पहले सप्ताह में सुनवाई होगी। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘एफसीआरए संशोधनों से संबंधित याचिका की सुनवाई अप्रैल के मध्य में होगी।’’ उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि चुनावी बॉन्ड योजना के जरिए राजनीतिक दलों के वित्तपोषण की अनुमति देने वाले कानूनों को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं पर वह जनवरी 2023 के अंतिम सप्ताह में सुनवाई करेगा।

यह  भी पढ़ें-

Fact Check: गोपालगंज में क्रिकेट खेलने के विवाद के कारण हुई हिंसा की घटना को सांप्रदायिक रंग देकर किया जा रहा वायरल

पांच साल में मेडिकल डिवाइस आयात दोगुना, लेकिन चीन से आयात तीन गुना बढ़ा; इंपोर्ट पर निर्भरता 80% से अधिक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.