SC में अवमानना के दोषी माल्या की पुनर्विचार याचिका खारिज, बच्चों के खाते में करोड़ों रुपये किए थे ट्रांसफर
कोर्ट की रोक के बावजूद विजय माल्या ने 2017 में 40 मिलियन डॉलर अपने बच्चों के खाते में ट्रांसफर किया था जिसके लिए दोषी करार देने के बाद पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya ) की पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दिया। वर्ष 2017 में अदालत की अवमानना मामले में दायर माल्या की इस याचिका पर इससे पहले गुरुवार को सुनवाई में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। दरअसल, 40 मिलियन डॉलर अपने बच्चों के खाते में ट्रांसफर किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को कोर्ट की अवमानना का दोषी माना था। मामले में कोर्ट के फैसले के खिलाफ माल्या ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी।
सुप्रीम कोर्ट में 9 मई, 2017 के आदेश के खिलाफ विजय माल्या ने यह समीक्षा याचिका दायर की। मामले की सुनवाई जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कर रही है। इसके पहले 6 अगस्त को मामले की सुनवाई में रिकॉर्ड में एक दस्तावेज नहीं होने के कारण कोर्ट ने मामलों को स्थगित कर दिया था।
बता दें कि इस मामले की सुनवाई की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने अपनी रजिस्ट्री से विजय माल्या की पुनर्विचार याचिका को सुनवाई के लिए लगाने में तीन साल की देरी पर सवाल किया था। बेंच ने अपने आदेश में कहा था कि पुनर्विचार याचिका में कही गई बातों पर सुनवाई करने से पहले हम रजिस्ट्री को निर्देश देते हैं कि वो बताए कि तीन साल तक यह याचिका संबंधित कोर्ट में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध क्यों नहीं की गई। उसके बाद ही पुनर्विचार याचिका पर विचार किया जाएगा।
भगोड़े शराब कारोबारी माल्या ने बंद हो चुकी अपनी एयरलाइंस कंपनी किंगफिशर के लिए बैंकों से नौ हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। लेकिन कर्ज चुकाए बिना ही लंदन भाग गया। लंदन में उसके प्रत्यर्पण के लिए केस चल रहा है। फिलहाल प्रत्यर्पण के मामले में माल्या के सामने सभी कानूनी रास्ते बंद हो चुके हैं। ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की उसकी याचिका मई में खारिज कर दी गई थी। हालांकि अभी उसके प्रत्यर्पण को लेकर अनिश्चितता कायम है, क्योंकि ब्रिटिश सरकार ने माल्या की तरफ से शरण मांगने संबंधी आवेदन को लेकर कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की है।