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सुप्रीम कोर्ट आधार योजना पर अपने फैसले की समीक्षा याचिकाओं पर आज सुनाएगा फैसला

सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार की आधार योजना पर 26 सितंबर 2018 के फैसले को चुनौती देने वाली समीक्षा याचिकाओं पर सोमवार को फैसला सुनाएगा। संविधान पीठ ने कहा था- आधार को बैंक खाते और दूरसंचार कंपनियों से संबद्ध करना गैर-जरूरी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 10:17 PM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 12:18 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट आधार योजना पर अपने फैसले की समीक्षा याचिकाओं पर आज सुनाएगा फैसला
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा था- आधार बिल को बतौर मनी बिल पारित नहीं किया जाना चाहिए था।

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार की आधार योजना पर अपने फैसले की समीक्षा करने संबंधी याचिकाओं पर सोमवार को फैसला सुनाएगा। सर्वोच्च अदालत ने आधार को संवैधानिक रूप से वैध घोषित करने और उसे बैंक खाते, मोबाइल फोन और स्कूल एडमिशन से लिंक करने के कुछ प्रावधानों पर प्रहार किया था।

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पांच जजों की पीठ 2018 के फैसले को चुनौती देने वाली समीक्षा याचिकाओं पर सुनाएगी फैसला

जस्टिस एएम खानविल्कर, डीवाइ चंद्रचूड़, अशोक भूषण,एसए नजीर और बीआर गवई वाली पांच जजों की पीठ आधार पर 26 सितंबर, 2018 के फैसले को चुनौती देने वाली समीक्षा याचिकाओं पर फैसला सुनाएगी।

संविधान पीठ ने कहा था- आधार को बैंक खाते और दूरसंचार कंपनियों से संबद्ध करना गैर-जरूरी

करीब दो साल पहले दिए गए फैसले में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने आधार को आयकर रिटर्न फाइल करने और पैन से संबद्ध करने के लिए जरूरी बताया था, लेकिन आधार नंबर को बैंक खाते और दूरसंचार कंपनियों से संबद्ध करने को गैर-जरूरी करार दिया था। चार-एक से दिए फैसले में सर्वोच्च अदालत ने आधार एक्ट के जनकल्याण योजनाओं और सरकारी सब्सिडी से जोड़ने के कुछ प्रावधानों को भी खारिज कर दिया था।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा था- आधार बिल को बतौर मनी बिल पारित नहीं किया जाना चाहिए था

तब जस्टिस डीवाइ चंद्रचूड़ ने आधार कानून का विरोध करते हुए अपने फैसले में कहा था कि आधार अधिनियम को बतौर मनी बिल पारित नहीं किया जाना चाहिए था। चूंकि यह संविधान के साथ धांधली है और इसे वापस किया जाना चाहिए, लेकिन मुख्य न्यायाधीश समेत बाकी चार अन्य जजों ने बहुमत के फैसले में लोकसभा में पारित आधार बिल को बतौर मनी बिल स्वीकृत किया था।


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