Lockdown: कर्ज का ब्याज माफ करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट 12 जून को करेगा सुनवाई
गुरुवार को मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने वित्त मंत्रालय और अन्य पक्ष को RBI के जवाब का प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए समय दिया।
नई दिल्ली [माला दीक्षित]। लॉकडाउन के दौरान कर्ज का ब्याज माफ करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 12 जून को होगी। गुरुवार को मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने वित्त मंत्रालय और अन्य पक्ष को RBI के जवाब का प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए समय दिया है। बता दें कि रिजर्व बैंक ने बुधवार को हलफनामा दाखिल कर कहा था कि इससे बैंको की वित्तीय हालत खराब होगी।
बैंकों पर पड़ेगा 2 लाख करोड़ का बोझ: RBI
भारतीय रिजर्व बैंक ने सुप्रीम कोर्ट को यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार की घोषणा के मुताबिक वह सावधि कर्ज की मासिक किस्तों में सिर्फ मूलधन की राशि की अदायगी में राहत दे सकता है। वहीं केंद्रीय बैंक ने कहा कि ग्राहकों को ब्याज अदायगी में कोई छूट नहीं दी जा सकती है। वैसे वित्त मंत्रालय और आरबीआइ ने इस बारे में पहले ही स्पष्टीकरण दे दिया था कि सिर्फ मूलधन की अदायगी की अवधि बढ़ाई जा रही है। आरबीआइ ने कोर्ट से कहा कि 6 महीने के लिए लोन का ब्याज माफ करने से बैंकों पर 2 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
वहीं केंद्रीय बैंक ने 27 मार्च को तीन महीने के लिए सावधि कर्ज के भुगतान में तीन महीने के लिए छूट देने की घोषणा की थी। इसके बाद 22 जून को फिर से तीन महीने के लिए छूट देने का एलान किया गया था। जिसके बाद सावधि कर्ज लेने वाले ग्राहकों को 1 मार्च से लेकर 31 अगस्त 2020 तक के लिए कर्ज चुकाने से राहत दी गई है। हालांकि इसका लाभ लेने वाले ग्राहकों के लिए लोन की अवधि छह महीने और आगे बढ़ जाएगी। केंद्रीय बैंक ने इस फैसले को लागू करने की जिम्मेदारी बैंकों पर छोड़ रखी है और बैंकों के अपने नियम काफी पेचीदे हैं।