Sabrimala Temple Case News : धार्मिक स्थलों पर महिलाओं से भेदभाव मामले में फैसला सुरक्षित, सोमवार को अगली सुनवाई
केरल के सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में आज फैसला सुरक्षित रख लिया गया अगली सुनवाई सोमवार को होगी।
नई दिल्ली, माला दीक्षित। SC Sabarimala Temple: सबरीमाला मंदिर समेत धार्मिक स्थलों पर महिलाओं के खिलाफ भेदभाव संबंधी अन्य मामलों पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया गया। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को की जाएगी।
आज की गई सुनवाई में सबसे पहले सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी दलीलें दीं। मामले में उन्होंने दूसरे धर्म से जुड़े मामलों के साथ जोड़ने पर कुछ वकीलों द्वारा किए गए ऐतराज को लेकर अपना पक्ष दिया। उन्होंने कहा कि 9 जजों की बेंच के समक्ष जो मुद्दा है, उसका सबरीमाला मामले व उसकी समीक्षा से कोई लेना देना नहीं है। सॉलीसीटर जनरल ने आगे बताया कि समीक्षा याचिका पर सुनवाई कर रही बेंच ने सबरीमाला मामले में पूरे फैसले को बड़ी बेंच को नहीं भेजा। इसकी जगह धार्मिक परंपराओं से जुड़े बड़े मामलों को बड़ी बेंच के पास भेजा गया था।
सुनवाई के दौरान कानून के सवालों को बड़ी बेंच के पास भेजने को लेकर सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सही बताया। जजों की बेंच ने इस बात पर विचार किया कि सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करते हुए कानून का सवाल बड़ी पीठ को संदर्भित कर सकती है अथवा नहीं। यह सवाल सबरीमाला मामले की सुनवाई के दौरान उठा था जो विभिन्न धार्मिक स्थानों पर महिलाओं के खिलाफ धार्मिक भेदभाव से जुड़ा है।
मामले की सुनवाई नौ जजों वाली बेंच ने की। बेंच की अध्यक्षता चीफ जस्टिस एसए बोबडे कर रहे हैं। बेंच के अन्य सदस्य जस्टिस आर. भानुमति, अशोक भूषण, एल. नागेश्वर राव, एमएम शांतनागौदर, एसए नजीर, आर. सुभाष रेड्डी, बीआर गवई और सूर्य कांत शामिल हैं। इसके पहले सोमवार को सुनवाई की गई थी।
केरल के सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई होनी है। 14 नवंबर को दिए गए समीक्षा आदेश के सवालों पर आज सुनवाई की जाएगी। कोर्ट ने कहा है कि वे सबरीमाला मामले की पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई नहीं कर रहे हैं बल्कि पांच जजों की बेंच द्वारा भेजे गए मसलों पर विचार करेंगे।
इसके लिए कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर सूचित किया था कि चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली नौ जजों की बेंच मामले पर दलीलों को सुनेगी कि पुनर्विचार याचिका पर यह कोर्ट कानून का सवाल बड़ी पीठ को संदर्भित कर सकती है अथवा नहीं।