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पालघर में साधुओं की भीड़ हत्या का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस से सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने को कहा

महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं की भीड़ हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र पुलिस को दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने को कहा। मामले की सुनवाई दो हफ्ते तक के लिए टल गई है। मामले में सीबीआइ जांच करवाए जाने की मांग को याचिका दायर की गई है।

By TaniskEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 09:05 AM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 02:13 PM (IST)
पालघर में साधुओं की भीड़ हत्या का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस से सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने को कहा
पालघर में साधुओं की भीड़ हत्या मामले में सुनवाई।

नई दिल्ली, एजेंसियां। महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं की भीड़ हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र पुलिस को दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने को कहा है। मामले की सुनवाई दो हफ्ते तक के लिए टल गई है। गौरतलब है कि पिछले साल 16 अप्रैल को पालघर में दो साधुओं की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। ये दोनों साधु अपने गुरु के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए गुजरात के सूरत शहर जा रहे थे। लोगों ने उन्हें बच्चा चोर समझ कर मार डाला था। मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) से जांच करवाए जाने की मांग को याचिका दायर की गई है।

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याचिका में सीबीआइ द्वारा पुलिस अधिकारियों के खिलाफ लॉकडाउन के दौरान भीड़ को इकट्ठा होने से रोकने में कथित विफलता के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की मांग की गई है। जस्टिस अशोक भूषण और आरएस रेड्डी की पीठ को महाराष्ट्र सरकार के वकील ने बताया कि मामले में दूसरी पूरक चार्जशीट दाखिल की गई है। पीठ ने कहा कि उसके समक्ष दो सप्ताह में ताजा चार्जशीट रिकॉर्ड पर रखा जाए और उसके बाद मामले की आगे सुनवाई होगी।

पिछले साल सात सितंबर को, महाराष्ट्र पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि दोषी पुलिस अधिकारियों को दंडित या निलंबित कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल छह अगस्त को महाराष्ट्र पुलिस से मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ की गई जांच और कार्रवाई से अवगत कराने को कहा था। महाराष्ट्र पुलिस ने कहा था कि 18 दोषी पुलिसकर्मियों को अलग-अलग सजा दी गई है। इनमें से कुछ को सर्विस से बर्खास्त कर दिया गया है और कुछ अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त हो गए हैं। कुछ के वेतन में भी कटौती की गई है।

महाराष्ट्र पुलिस ने कोर्ट को यह बताया कि राज्य के आपराधिक जांच विभाग ने मामले में अब तक दो आरोप पत्र दायर किए हैं। पिछले साल 11 जून को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से सीबीआइ और एनआइए द्वारा अलग-अलग जांच की दो याचिकाओं पर जवाब मांगा था। पीठ साधुओं के रिश्तेदार और जूना अखाड़ा के साधुओं  द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। उनकी याचिका में आरोप लगाया गया कि राज्य पुलिस पक्षपातपूर्ण तरीके से जांच की जा रही है। घटना की एनआइए से जांच की मांग को लेकर एक याचिका वकील घनश्याम उपाध्याय ने दायर की है।

क्या है पूरा मामला

पिछले कोरोना लॉकडाउन के दौरान 16 अप्रैल को पालघर जिले के गढ़चिंचले में  दो साधुओं 70 वर्षीय चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरि और 35 वर्षीय सुशीलगिरि महाराज और उनके ड्राइवर 30 वर्षीय नीलेश तेलगडे की उन्मादी भीड़ ने बच्चा चोर समझकर हमला कर हत्या कर दी थी। दोनों साधु एक अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए गुजरात जा रहे थे। पुलिस के अनुसार जहां यह घटना हुई बच्चा चोर गिरोह को लेकर अफवाह फैली थी। ग्रामीणों को इनपर शक हुआ और उन्होंने इनपर हमला कर दिया।  


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