सुप्रीम कोर्ट केवल आवश्यक मामलों की करेगा सुनवाई, कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते लिया फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने एक सर्कुलर के माध्यम से कहा है कि 10 जनवरी से केवल अत्यंत आवश्यक उल्लेखित मामले नए मामले जमानत से जुड़े मामले स्थगन से जुड़े मामले नजरबंदी के मामले और निश्चित तारीख के मामले ही अगले आदेश तक अदालतों के समक्ष सूचीबद्ध किए जाएंगे।
नई दिल्ली, एएनआइ। कोरोना के मामलों के अचानक बढ़ने के मद्देनजर, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 7 जनवरी से सभी मामलों को वर्चुयल मोड में आवासीय कार्यालयों से प्रभावी ढंग से सुनने का फैसला किया है। इसके अलावा 10 जनवरी से अदालतों द्वारा केवल जरूरी मामलों को ही लिया जाएगा।
Supreme Court decides to hear from January 7 all matters in virtual mode only and all judges to work from their residential offices. pic.twitter.com/3Gu8vGB0Nt
— ANI (@ANI) January 6, 2022
एक आधिकारिक सर्कुलर के माध्यम से कोर्ट ने यह अधिसूचित किया है कि केवल अत्यंत आवश्यक 'उल्लेखित' मामले, नए मामले, जमानत से जुड़े मामले, स्थगन से जुड़े मामले, नजरबंदी के मामले और निश्चित तारीख के मामले ही अगले आदेश तक अदालतों के समक्ष सूचीबद्ध किए जाएंगे। यह अधिसूचित किया गया है कि स्थानांतरण याचिकाओं को एकल न्यायाधीश पीठ के बजाय नियमित पीठों के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा और आत्मसमर्पण से छूट के आवेदनों को भी अगले आदेश तक चैंबर न्यायाधीश के बजाय नियमित पीठों के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा।
चार से छह सप्ताह तक फिजिकल सुनवाई नहीं होगीः मुख्य न्यायाधीश
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमना और चार अन्य वरिष्ठ जजों ने आज बैठक की। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने कोरोना और उसके नए संस्करण ओमिक्रॉन से उत्पन्न हालातों पर चर्चा की। सीजेआई ने इस दौरान कहा कि कम से कम 4-6 सप्ताह तक हम फिजिकल सुनवाई नहीं कर पाएंगे।
बैठक के दौरान एक सहमति बनी कि आमिक्रान संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए अगले 6 हफ्ते तक सुप्रीम कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई ही हो। गौरतलब है कि दो महीने पहले कोर्ट ने फिजिकल सुनवाई के लिए हफ्ते में दो दिन बुधवार और गुरुवार तय किए थे। सोमवार और शुक्रवार के दिन वर्चुअल सुनवाई ही होती थी।