जस्टिस अकील कुरैशी की नियुक्ति मामले में केंद्र ने मांगा सुप्रीम कोर्ट से वक्त
जस्टिस अकील कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने के कोलेजियम की अनुशंसा को लागू करने के लिए देश की शीर्ष अदालत में आज सुनवाई होगी।
नई दिल्ली, एजेंसी। गुजरात हाईकोर्ट के सीनियर जज जस्टिस अकील कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नहीं बनाए जाने के मामले में गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जस्टिस कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की कोलेजियम की सिफारिश पर विचार हो रहा है।
मेहता ने मामले पर विस्तार से केंद्र का पक्ष रखने के लिए दो हफ्ते का वक्त मांगा जिसके बाद सुनवाई दो अगस्त तक के लिए टाल दी गई। बता दें कि कॉलेजियम ने जस्टिस कुरैशी को लेकर केंद्र सरकार को सिफारिश भेजी थी, इसमें जस्टिस कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की गई थी।इसके उलट केंद्र सरकार ने कॉलेजियम की सिफारिश को दरकिनार कर दिया था।
इस प्रकरण को लेकर गुजरात के वकीलों ने कानून मंत्री से मिलने का समय मांगा था। लेकिन, कानून मंत्री ने गुजरात के वकीलों से मिलने से मना कर दिया था। इसके बाद एडवोकेट एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को एमिकस क्यूरी बनाते हुए इस मामले में मदद करने के लिए कहा था।
बता दें कि मध्यप्रदेश हाइकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार सेठ नौ जून को सेवानिवृत हो गए थे। केंद्र सरकार ने कॉलेजियम की सिफारिश के उलट संविधान की धारा-223 की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रपति की ओर से मध्य प्रदेश हाइकोर्ट के वरिष्ठ जज रवि शंकर झा को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त कर दिया था। रविशंकर झा ने जस्टिस सेठ के सेवानिवृत होने के बाद 10 जून से पदभार संभाला है।