कथित फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुरक्षाबलों द्वारा बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में जनवरी 2018 में केड़पाड़ में दो नक्सलियों को मारा गया था।
नईदुनिया, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में मुठभेड़ों में ग्रामीणों को मारे जाने का आरोप लगाती याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इसकी वजह यह कि इसी मामले में एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुरू की है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता की अपील स्वीकार कर याचिका स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है।
सुरक्षाबलों द्वारा बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में जनवरी 2018 में केड़पाड़ में दो नक्सलियों को मारा गया था। इसके बाद जुलाई 2018 में दंतेवाड़ा में एक महिला सहित दो वर्दीधारी नक्सली मारे गए। इसेलेकर सुनीता पोट्टाम ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि बस्तर में सुरक्षाबल नक्सली बताकर गांव के निर्दोष आदिवासियों की हत्या कर रहे हैं। इससे जंगल में रहने वाले आदिवासियों का जीना मुश्किल हो गया है। पुलिस ग्रामीणों की रिपोर्ट भी नहीं लिख रही है।
याचिका में उक्त मुठभेड़ों की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की गई। मामले के हाई कोर्ट में लंबित रहने के दौरान छह अगस्त को सुकमा जिले में मुठभेड़ में 15 नक्सली मारे गए। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। उधर, केंद्र सरकार के अधिवक्ता ने सुनीता पोट्टाम की याचिका को भी सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर करने का आवेदन हाई कोर्ट में पेश किया। इसके बाद कोर्ट ने याचिका ट्रांसफर करने का निर्णय लिया।