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फांसी की सजा वाले कैदियों की बदहाली पर दस राज्य तलब

खंडपीठ ने कहा है कि हमें एमीकस क्यूरी की ओर से भेजे गए सवालों पर संबंधित राज्यों के डीजीपी (जेल) के जवाब लेने होंगे।

By Manish NegiEdited By: Published: Sun, 01 Apr 2018 06:18 PM (IST)Updated: Sun, 01 Apr 2018 06:18 PM (IST)
फांसी की सजा वाले कैदियों की बदहाली पर दस राज्य तलब
फांसी की सजा वाले कैदियों की बदहाली पर दस राज्य तलब

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने दस राज्यों के पुलिस महानिदेशकों (जेल) से मौत की सजा सुनाए कैदियों के मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों पर जवाब मांगा है। डीजीपी (जेल) से यह भी पूछा गया है कि मौत की सजा सुनाए गए कैदियों को अकेले जेल में रखने, कानूनी प्रतिनिधि, कैदी के परिजनों के मिलने के अधिकार और ऐसे कैदियों के मनोवैज्ञानिक परामर्श के मुद्दों पर जानकारी तलब की है।

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जस्टिस एमबी लोकुर और दीपक गुप्ता ने दिल्ली, बिहार, पंजाब, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गोवा, असम, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश समेत कुल दस राज्यों के डीजीपी (जेल) से ये सवाल पूछे हैं। यह सवाल एमीकस क्यूरी वकील गौरव अग्रवाल के कैदियों की नियमावलियों के उल्लंघन और कैदियों के मानवाधिकार हनन के आरोपों पर पूछे हैं।

खंडपीठ ने कहा है कि हमें एमीकस क्यूरी की ओर से भेजे गए सवालों पर संबंधित राज्यों के डीजीपी (जेल) के जवाब लेने होंगे। मौत की सजा का इंतजार कर रहे हिरासत में रह रहे कैदियों के मानवाधिकार का मुद्दा बहुत अहम है। खंडपीठ ने इस मामले में आठ मई तक डीजीपी (जेल) से जवाब मांगा है। उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च अदालत देश के 1382 कैदियों की बदहाल हालत पर सुनवाई कर रही है।


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