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अंतरजातीय प्रेम-प्रसंग में हत्या के दोषी के मृत्युदंड पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

अंतरजातीय प्रेम-प्रसंग को लेकर 2013 में महाराष्ट्र में अहमदनगर जिले के सोनाई गांव में तीन दलित युवकों की हत्या के एक दोषी के मृत्युदंड पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रोक लगा दी। पीठ ने दोषी संदीप माधव कुरहे की अपील सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 09:53 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 09:53 PM (IST)
अंतरजातीय प्रेम-प्रसंग में हत्या के दोषी के मृत्युदंड पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
हत्या के एक दोषी के मृत्युदंड पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रोक लगा दी

 नई दिल्ली, प्रेट्र। अंतरजातीय प्रेम-प्रसंग को लेकर 2013 में महाराष्ट्र में अहमदनगर जिले के सोनाई गांव में तीन दलित युवकों की हत्या के एक दोषी के मृत्युदंड पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रोक लगा दी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना की पीठ ने दोषी संदीप माधव कुरहे की अपील सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली और कहा कि वे उसके मृत्युदंड पर रोक लगा रहे हैं। साथ ही पीठ ने अन्य तीन दोषियों की लंबित अपीलों के साथ इस अपील को भी टैग कर दिया।

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दो दिसंबर, 2019 को बांबे हाई कोर्ट ने चारों दोषियों की मृत्युदंड की सजा को बरकरार रखा था, जबकि एक अशोक नवगिरे को बरी कर दिया था। जनवरी, 2018 में नासिक की सत्र अदालत ने दलित युवकों सचिन घारू, संदीप थनवर और राहुल खंडरे की हत्या के आरोप में छह लोगों रघुनाथ दरंदले, रमेश दरंदले, प्रकाश दरंदले, गणेश उर्फ प्रवीण दरंदले, अशोक नवगिरे और संदीप माधव को मौत की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट में मामला लंबित रहने के दौरान रघुनाथ की मौत हो गई थी। मारे गए तीनों युवक सफाईकर्मी का काम करते थे, जबकि आरोपित मराठा समुदाय से हैं।


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