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वकील के जरिये आदित्य तलवार की पेशी पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि आरोपित देश से बाहर है और उसका कोई अता-पता नहीं है इसके बावजूद दिल्ली हाई कोर्ट ने उसे वकील के जरिये पेश होने की अनुमति प्रदान कर दी है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 08 Jul 2019 08:23 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jul 2019 08:23 PM (IST)
वकील के जरिये आदित्य तलवार की पेशी पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
वकील के जरिये आदित्य तलवार की पेशी पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें उसने कारपोरेट लॉबिस्ट दीपक तलवार के पुत्र आदित्य तलवार को वकील के जरिये निचली अदालत में पेश होने की अनुमति प्रदान कर दी थी। एंटीगुआ निवासी आदित्य तलवार उड्डयन घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में आरोपित है और वह अभी तक जांच में शामिल नहीं हुआ है।

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प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि आरोपित देश से बाहर है और उसका कोई अता-पता नहीं है, इसके बावजूद दिल्ली हाई कोर्ट ने उसे वकील के जरिये पेश होने की अनुमति प्रदान कर दी है।

इस पर पीठ ने कहा, 'नोटिस जारी करिए। वकील जयंत मोहन प्रतिवादी की ओर से नोटिस स्वीकार करते हैं। अंतिम निपटारे के लिए 23 जुलाई को मामला सूचीबद्ध कीजिए।' ईडी ने इस मामले में आरोपित की उपस्थिति और उसे हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट स्थानांतरित करने की मांग की है।

उसका कहना है कि जांच शुरू होने के बाद आरोपित ने उससे बचने के लिए एंटीगुआ और बरबूडा की नागरिकता हासिल कर ली। कई बार समन जारी करने के बावजूद वह जांच में शामिल नहीं हुआ जिससे मामले की जांच में देरी हुई है। तुषार मेहता ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए देश से फरार होने वाले अपराधियों को ऐसी आजादी देने से गलत प्रतिमान स्थापित होगा।

बता दें कि ईडी जांच के मुताबिक, आदित्य के पिता दीपक तलवार के विभिन्न नौकरशाहों से नजदीकी संबंध थे और उन्होंने अपने संपर्को का इस्तेमाल करके विदेशी निजी एयरलाइनों के लिए लाभकारी मार्ग और समय हासिल किए थे। इसके एवज में आदित्य को उसकी कंपनियों एशियाफील्ड और गिल्ट असेट्स मैनेजमेंट के जरिये 272 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली थी। इस वजह से सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया को नुकसान उठाना पड़ा था।


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