'तुम युवतियों के लिए खतरा हो', सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर को क्यों लताड़ा?
सुप्रीम कोर्ट ने असम के एक प्रोफेसर, मोहम्मद जोयनल आबेदीन को भारत विरोधी और अश्लील पोस्ट के लिए फटकार लगाई। अदालत ने उसे महिलाओं के लिए खतरा बताते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया। प्रोफेसर को नौकरी से निकाल दिया गया है। कोर्ट ने उसकी ऑनलाइन हरकतों को 'विकृत' बताया और कहा कि वह समाज के लिए खतरा है।

सुप्रीम कोर्ट की प्रोफेसर को फटकार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट मीडिया पर भारत विरोधी और अश्लील पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए असम के एक प्रोफेसर को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि वह युवतियों के लिए खतरा और विकृत व्यक्ति है, जिसे शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
जस्टिस सूर्यकांत और जोयमाल्या बागची की पीठ ने कोकराझार जिले के गोसाईगांव कालेज में प्रोफेसर रहे मोहम्मद जोयनल आबेदीन को अंतरिम जमानत देने से इन्कार करते हुए कहा कि उसे महिलाओं का पीछा करने और उनके बारे में आनलाइन अश्लील टिप्पणियां करने की आदत है।
सुप्रीम कोर्ट की प्रोफेसर को फटकार
उसे आसानी से जेल से रिहा नहीं किया जा सकता। आबेदीन ने मई में कथित तौर पर भारत विरोधी पोस्ट किया था, जिसके लिए उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अपने कृत्य के लिए उसे नौकरी से भी निकाला जा चुका है। पीठ ने प्रोफेसर से कहा, तुम्हें इंटरनेट मीडिया पर महिलाओं को परेशान करने और अश्लील टिप्पणियां करने की आदत है। तुम एक विकृत व्यक्ति हो।
भारत विरोधी पोस्ट के लिए गिरफ्तारी
तुम किस तरह के प्रोफेसर हो? तुम प्रोफेसर के नाम पर एक कलंक हो। तुम्हें कालेज में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि जिस पोस्ट के लिए उसे गिरफ्तार किया गया था, उसके लिए उसने माफी मांगी थी और जैसे ही उसे पता चला कि उसकी पोस्ट देशहित के खिलाफ है, उसने डिलीट कर दिया।पीठ ने उसकी पोस्ट का अवलोकन किया और उसकी भाषा देखकर आश्चर्यचकित हुई तथा कहा कि उसका सोच गंदा है और वह समाज के लिए खतरा है।

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