सुप्रीम कोर्ट ने पीएनबी को कर्ज नहीं चुकाने वालों की सूची जारी करने पर रोक लगाने से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब नेशनल बैंक को कर्ज नहीं चुकाने वाले लोगों की सूची और उसकी निरीक्षण रिपोर्ट जैसी सूचना को आरटीआई कानून के तहत सार्वजानिक करने का निर्देश देने संबंधी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नोटिस पर अंतरिम रोक लगाने से इन्कार कर दिया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब नेशनल बैंक को कर्ज नहीं चुकाने वाले लोगों की सूची और उसकी निरीक्षण रिपोर्ट जैसी सूचना को आरटीआई कानून के तहत सार्वजानिक करने का निर्देश देने संबंधी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नोटिस पर अंतरिम रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। साथ ही, शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार, आरबीआई और उसके केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी से जवाब मांगा है।
कोर्ट ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की याचिका को एचडीएफसी बैंक द्वारा दायर इसी तरह के एक लंबित मामले से संलग्न कर दिया है। एचडीएफसी बैंक ने आरबीआई के निर्देश के खिलाफ यह याचिका दायर की थी। जस्टिस एस.अब्दुल नजीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि नोटिस जारी किया जाए। 2019 की (एचडीएफसी की) रिट याचिका (दीवानी) संख्या-1159 के साथ संलग्न किया जाए।
पीठ ने याचिका की सुनवाई के लिए 19 जुलाई की तारीख तय की है। आरबीआई द्वारा सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम की धारा 11(1) के तहत जारी नोटिसों को लेकर बैंक नाखुश हैं। नोटिसों में बैंकों से अपनी निरीक्षण रिपोर्ट और जोखिम आकलन से जुड़ी सूचना साझा करने को कहा गया है। उल्लेखनीय है कि आरटीआई अधिनियम, आरबीआई के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) को सूचना मांगने वालों के लिए बैंकों से सूचना मांगने की शक्ति देता है।
हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने बताया था कि भगोड़ा कारोबारी नीरव मोदी की बहन पूर्वी मोदी ने ब्रिटेन के बैंक खाते से 17 करोड़ रुपये से अधिक राशि भारत सरकार को भेजी है। ईडी के मुताबिक 24 जून को पूर्वी मोदी ने सूचित किया था कि उसे ब्रिटेन में उनके नाम पर एक बैंक खाते का पता चला जो उनके भाई नीरव मोदी के कहने पर खोला गया था और यह धन उनका नहीं था। गौरतलब है कि पीएनबी से 13,000 करोड़ रुपये के कर्ज धोखाधड़ी मामले में अभियोजन पक्ष का सहयोग करने के एवज में नीरव की बहन पूर्वी को आपराधिक कार्यवाही से छूट दी गई है।