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ओपन जेल के मसले पर गृह मंत्रालय करे जल्द बैठक: सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस मदन बी लोकुर व दीपक गुप्ता की बेंच ने केंद्र से कहा कि मामले में सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर उनसे राय मांगी जाए।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 12 Dec 2017 10:29 PM (IST)Updated: Tue, 12 Dec 2017 10:29 PM (IST)
ओपन जेल के मसले पर गृह मंत्रालय करे जल्द बैठक: सुप्रीम कोर्ट
ओपन जेल के मसले पर गृह मंत्रालय करे जल्द बैठक: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से कहा है कि ओपन जेल के मसले पर वह सभी राज्यों के जेल महानिरीक्षकों के साथ बैठक करके यह पता लगाए कि क्या इस तरह की अवधारणा पर काम किया जा सकता है। अदालत का मानना था कि अगर ऐसा होता है तो जेल में कैदियों की ज्यादा संख्या की समस्या से निजात मिलेगी तो उन्हें समाज की मुख्यधारा में लौटने का मौका मिलेगा।

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गौरतलब है कि ओपन जेल फिलहाल राजस्थान में चल रही हैं। इनमें कैदी को जेल परिसर से बाहर जाकर काम करने की अनुमति दी जाती है। शाम को उसे वापस जेल में लौटना होता है। माना जा रहा है कि समाज से लंबे समय तक कटे रहने से कैदियों की मनोदशा विक्षिप्त जैसी हो जाती है। सजा पूरी करके जब वह वापस लौटता है तो समाज से घुलमिल नहीं पाता।

जस्टिस मदन बी लोकुर व दीपक गुप्ता की बेंच ने केंद्र से कहा कि मामले में सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर उनसे राय मांगी जाए। इस तरह की व्यवस्था किस तरह से संचालित होगी और कैसे कैदियों को नियंत्रित किया जा सकेगा? चार सप्ताह में जवाब मांगा गया है। इसके बाद ही फरवरी के पहले सप्ताह में सभी राज्यों के जेल महानिरीक्षकों के साथ बैठक की जाए। अदालत 21 फरवरी को जेल जेल में व्याप्त अमानवीय वातावरण को लेकर दायर याचिका पर भी सुनवाई करेगा।

अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि इस मामले में राज्यों पर सारा दारोमदार है। अगर वे सहमत होते हैं तो फिर केंद्र गाइड लाइन तैयार करके देगा। उनका कहना था कि राज्यों को सुप्रीम कोर्ट के विचार से अवगत करा दिया गया है। फैसला उन्हें लेना है। सुनवाई के दौरान न्यायमित्र ने बेंच को बताया कि देश भर में 63 ओपन जेल हैं, जिनमें छह हजार कैदी रह रहे हैं।

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