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सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक के पूर्व प्रमोटर चंद्रा भाइयों को ईडी की हिरासत में देने का रास्ता किया साफ

सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक के पूर्व प्रमोटरों संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को ईडी की हिरासत में भेजने का रास्ता साफ कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि 26 अगस्त का उसका आदेश चंद्रा भाइयों को ईडी की हिरासत में भेजने की राह में बाधा नहीं बनेगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 09:45 PM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 09:58 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक के पूर्व प्रमोटर चंद्रा भाइयों को ईडी की हिरासत में देने का रास्ता किया साफ
सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक के संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को हिरासत में भेजने का रास्ता साफ कर दिया है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक के पूर्व प्रमोटरों संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेजने का रास्ता साफ कर दिया है। ईडी की याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि 26 अगस्त का उसका आदेश चंद्रा भाइयों को ईडी की हिरासत में भेजने की राह में बाधा नहीं बनेगा।जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि अगर मजिस्ट्रेट को लगता है कि चंद्रा भाइयों को पूछताछ के लिए ईडी की हिरासत में भेजने की जरूरत है तो वह इस पर फैसला ले सकते हैं।

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सुप्रीम कोर्ट ने 26 अगस्त के अपने आदेश में चंद्रा भाइयों को दिल्ली की तिहाड़ जेल से मुंबई का आर्थर रोड और तजोला जेल भेजने को कहा था। साथ ही पीठ ने अदालती कार्यवाहियों में दोनों को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये पेश करने को कहा था। ईडी की याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) ने दोनों के खिलाफ दो नवंबर और 12 नवंबर को पेशी वारंट जारी किया था। ईडी ने दोनों को हिरासत में देने का अनुरोध किया था।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए आर्थर रोड जेल और तजोला जेल प्रशासन ने शीर्ष अदालत से स्थिति स्पष्ट करने आग्रह किया था। इसी पर पीठ ने यह बता कही है। संजय चंद्र को आर्थर रोड जेल और अजय चंद्र को तलोजा जेल में रखा गया है। पहले दोनों तिहाड़ जेल में एक साथ थे। ईडी ने आरोप लगाया था कि तिहाड़ जेल के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर दोनों वहीं से अपना कारोबार चला रहे हैं।

ईडी चंद्रा बंधुओं के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले की जांच कर रही है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक जांच एजेंसी को इस मामले में दोनों के खिलाफ कुछ नए सुबूत मिले हैं। यही वजह है कि प्रवर्तन निदेशालय दोनों को औपचारिक तौर पर गिरफ्तार करते हुए पूछताछ करना चाहता है। हाल ही में ईडी ने बताया था कि धनशोधन कानून के तहत यूनिटेक समूह की कथित बेनामी कंपनियों की 18.14 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क किया गया है।


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