सुप्रीम कोर्ट की दो-टूक, बेअंत हत्याकांड में फांसी के सजायाफ्ता राजोआना की याचिका पर केंद्र सरकार जल्द ले फैसला
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की 1995 की हत्या के मामले में सजायाफ्ता बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने की याचिका पर केंद्र सरकार ने अब तक निर्णय नहीं लिया है। इस पर केंद्र सरकार ने नाराजगी जताई है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की 1995 की हत्या में सजायाफ्ता बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने की याचिका पर अब तक निर्णय नहीं लेने पर बुधवार को केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई। साथ ही कहा कि केंद्र इस पर जल्द फैसला ले, भले ही वह कुछ भी हो। राजोआना की याचिका में उसकी 26 साल की लंबी कैद के आधार पर मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की गई है।
केंद्र ने स्थिति स्पष्ट की
शीर्ष कोर्ट ने कहा कि इस साल मई में दो महीने का समय दिया गया था। यह समय अवधि बहुत पहले समाप्त हो चुकी है। अतिरिक्त सालिसिटर जनरल केएम नटराज ने बताया कि संबंधित अथार्टी द्वारा कोई निर्णय अभी नहीं लिया गया है। इस पर मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने केंद्र से एक हलफनामा दायर करने और मामले को शुक्रवार को सूचीबद्ध करने के लिए कहा।
प्रार्थना पर निर्णय नहीं लेना गलत
बेंच ने कहा कि उन्हें (अधिकारियों को) दया याचिका पर विचार करना होगा। जल्द फैसला लेना होगा। राजोआना के वकील ने कहा कि मौत की सजा पाने वाला दोषी राजोआना लगभग 26 साल से जेल में है। मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने के लिए उसकी प्रार्थना पर निर्णय नहीं लेना अनुच्छेद 21 के तहत गलत है। उन्होंने कहा कि दोषी अपनी याचिका पर कोर्ट के फैसले का हकदार है।
1995 में हुए विस्फोट में हुई थी 17 की मौत
बता दें कि 31 अगस्त, 1995 को पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह और 16 अन्य की सचिवालय के बाहर बम विस्फोट में मौत हो गई थी। पंजाब पुलिस के पूर्व कांस्टेबल राजोआना पर बेअंत सिंह की हत्या की साजिश रचने से लेकर उसे अंजाम देने तक का अपराध सिद्ध हो चुका है। उसके लिए निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सजा-ए-मौत तय हो चुकी है। लेकिन लंबे अरसे से राजोआना की ओर से राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका लंबित है। जुलाई 2007 में एक विशेष अदालत ने मामले में राजोआना को मौत की सजा सुनाई थी।
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