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पालघर लिंचिंग मामले की CBI जांच के लिए राज्य सहमत तो कोर्ट के आदेश की क्या जरूरत : सुप्रीम कोर्ट

बुधवार को जब सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि जब राज्य सरकार को जांच सीबीआइ को देने में ऐतराज नहीं है तो कोर्ट इसके लिए आदेश क्यों जारी करे। राज्य सरकार स्वयं केस सीबीआइ को क्यों नहीं दे देती।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Thu, 30 Mar 2023 09:21 PM (IST)Updated: Thu, 30 Mar 2023 09:21 PM (IST)
पालघर लिंचिंग मामले की CBI जांच के लिए राज्य सहमत तो कोर्ट के आदेश की क्या जरूरत : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने जांच सीबीआइ को देने पर महाराष्ट्र को हलफनामा दाखिल करने को कहा

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं सहित तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दिये जाने की जांच सीबीआई को देने पर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

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बुधवार को जब सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि जब राज्य सरकार को जांच सीबीआइ को देने में ऐतराज नहीं है तो कोर्ट इसके लिए आदेश क्यों जारी करे। राज्य सरकार स्वयं केस सीबीआइ को क्यों नहीं दे देती।

सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामा दाखिल करने को कहा

कोर्ट ने मामले की सुनवाई 14 अप्रैल तक टालते हुए महाराष्ट्र सरकार से कहा कि जांच सीबीआइ को रिफर करने पर हलफनामा दाखिल करे। ये आदेश प्रधान न्यायाधीशी डीवाई चंद्रचूड़, पीएस नरसिम्हा और जेबी पार्डीवाला की पीठ ने पालघर में दो साधुओं सहित तीन लोगों की 2020 में पीट पीट कर हत्या कर दिये जान की जांच सीबीआइ को सौंपने की मांग याचिकाओं पर सुनवाई के बाद दिये।

मामले में दो आरोपपत्र हो चुके दाखिल

पीठ ने मामले के ट्रायल की स्थिति भी पूछी जिस पर बताया गया कि मामले में दो आरोपपत्र दाखिल हो चुके हैं लेकिन अभी तक ट्रायल में कोई खास प्रगति नहीं हुई है। बताते चलें कि महाराष्ट्र में सरकार बदलने के बाद राज्य सरकार के रुख में यह ताजा बदलाव हुआ है। उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महाविकास अगाड़ी सरकार ने मामले की जांच सीबीआइ को देने का विरोध किया था।


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