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सुप्रीम कोर्ट ने कहा आवश्यक हुआ तो कारण बताने में नहीं हिचकेगी कोलेजियम

सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया कि प्रत्येक संस्तुति किये जाने से पहले उस पर पूरी तरह विचार विमर्श होता है और कोलेजियम की सर्वसम्मति से होती है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 10:40 PM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2019 10:42 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने कहा आवश्यक हुआ तो कारण बताने में नहीं हिचकेगी कोलेजियम
सुप्रीम कोर्ट ने कहा आवश्यक हुआ तो कारण बताने में नहीं हिचकेगी कोलेजियम

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मद्रास हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश वीके ताहिलरमानी के मेघालय हाईकोर्ट स्थानांतरण को लेकर मीडिया में आ रही खबरों और चर्चाओं के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बयान जारी कर साफ किया है कि न्यायाधीश के स्थानांतरण की प्रत्येक संस्तुति बेहतर प्रशासन के हित को देखते हुए प्रक्रिया का पालन कर ठोस आधार पर की जाती है। यह भी कहा है कि वैसे तो स्थानांतरण का कारण बताना संस्था के हित में नहीं होगा लेकिन फिर भी अगर जरूरी हुआ तो कोलेजियम उसे बताने में हिचकेगी नहीं।

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सुप्रीम कोर्ट की ओर से गुरुवार को यह आधिकारिक बयान सेकरेट्री जनरल संजीव एस. कालगांवकर की जारी हुआ। जारी बयान में यह भी कहा गया है कि 'प्रत्येक संस्तुति किये जाने से पहले उस पर पूरी तरह विचार विमर्श होता है और कोलेजियम की सर्वसम्मति से होती है।' हालांकि जारी बयान में किसी भी न्यायाधीश या पद का जिक्र नहीं किया गया है।

गौरतलब है कि जस्टिस ताहिलरमानी के स्थानांतरण के विरोध में मद्रास और बांबे हाईकोर्ट में वकीलों ने विरोध प्रदर्शन किया था जहां वह न्यायाधीश रह चुकी हैं।

कोलेजियम ने ठुकराया था आग्रह
सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने गत 28 अगस्त को जस्टिस ताहिलरमानी को मद्रास हाईकोर्ट से मेघालय हाईकोर्ट स्थानांतरित करने की संस्तुति की थी। जिसके बाद जस्टिस ताहिलरमानी ने कोलेजियम को ज्ञापन भेज कर संस्तुति पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था। लेकिन कोलेजियम ने उनका आग्रह ठुकराते हुए दोबारा उनके स्थानांतरण पर मुहर लगा दी थी।

बिलकिस बानों सामूहिक दुष्कर्म कांड
कोलेजियम ने मेघालय हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एके मित्तल को मद्रास हाईकोर्ट स्थानांतरित करने की सिफारिश की थी। ताहिलरमानी को 26 जून 2001 को बांबे हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। वह 2 अक्टूबर 2020 को सेवानिवृत होने वाली थीं। जब वह बांबे हाईकोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश थीं उस दौरान मई 2017 में उन्होंने बिलकिस बानों सामूहिक दुष्कर्म कांड में 11 अभियुक्तों की सजा पर मुहर लगाई थी।

बिलकिस बानों केस सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गुजरात से बांबे स्थानांतरित हुआ था। जस्टिस ताहिलरमानी को पिछले साल वर्ष 8 अगस्त को मद्रास हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। और हाल ही में कोलेजियम ने उनका स्थानांतरण मेघालय हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश के तौर पर करने की संस्तुति की है।

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