Move to Jagran APP

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कोलेजियम की सिफारिशों पर केंद्र करता है देरी; कानून मंत्री की टिप्पणी को किया खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोलेजियम द्वारा प्रस्तावित न्यायाधीशों की नियुक्ति पर विचार करने में केंद्र काफी देरी करता है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कानून मंत्री की टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि कानून मंत्री को ऐसी बयान नहीं देना चाहिए था।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Mon, 28 Nov 2022 09:47 PM (IST)Updated: Mon, 28 Nov 2022 09:47 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कोलेजियम की सिफारिशों पर केंद्र करता है देरी; कानून मंत्री की टिप्पणी को किया खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कोलेजियम की सिफारिशों पर केंद्र करता है देरी

नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोलेजियम द्वारा प्रस्तावित न्यायाधीशों की नियुक्ति पर विचार करने में केंद्र काफी देरी करता है। सोमवार को शीर्ष कोर्ट ने कोलेजियम की सिफारिश के बावजूद जजों की नियुक्ति में देरी के मसले पर सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार इस तथ्य से नाखुश है कि राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) अधिनियम को मंजूरी नहीं मिली, लेकिन यह देश के कानून का पालन नहीं करने की वजह नहीं हो सकती है।

loksabha election banner

कानून मंत्री की टिप्पणी खारिज

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कानून मंत्री की टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि कानून मंत्री को ऐसी बयान नहीं देना चाहिए था। यहां ये बता दें कि हाल ही में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि कोलेजियम यह नहीं कह सकता कि सरकार उसकी तरफ से भेजे हर नाम को तुरंत मंजूरी दे। फिर तो उन्हें खुद ही नियुक्ति कर लेनी चाहिए। रिजिजू ने कोलेजियम प्रणाली को संविधान के लिए 'एलियन' बताया था।

जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एएस ओका की पीठ ने कहा-

जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एएस ओका की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के लिए समय सीमा निर्धारित की थी। पीठ ने कहा कि समय सीमा का पालन करना होगा। शीर्ष अदालत ने 2015 के अपने फैसले में एनजेएसी अधिनियम और संविधान (99वां संशोधन) अधिनियम, 2014 को रद कर दिया था, जिससे शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की नियुक्ति करने वाले मौजूदा न्यायाधीशों की कोलेजियम प्रणाली बहाल हो गई थी।

कोलेजियम द्वारा अनुशंसित नामों को सरकार नहीं देती मंजूरी

सोमवार को सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी से कहा कि जमीनी हकीकत यह है कि शीर्ष अदालत कोलेजियम द्वारा अनुशंसित नामों को सरकार द्वारा मंजूरी नहीं दी जा रही है। पीठ ने कहा कि तंत्र कैसे काम करता है? हम अपना रोष पहले ही व्यक्त कर चुके हैं।

ये भी पढ़ें: Fact Check: कर्नल नवजोत सिंह बल की पुरानी फोटो हो रही शेयर, ढाई साल पहले हो चुका है निधन

ये भी पढ़ें: बाजार में क्रेडिट कार्ड डेटा से सौ गुना महंगा बिकता है हेल्थ डेटा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.