Supreme Court: एंटीलिया मामले में पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा की सुनवाई पूरी, जमानत पर फैसला सुरक्षित
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को एंटीलिया बम मामले और कारोबारी मनसुख हिरेन की हत्या में गिरफ्तार पूर्व पुलिस अफसर प्रदीप शर्मा की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने शर्मा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और एनआईए की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल की दलीलें सुनीं।

नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एंटीलिया बम मामले और कारोबारी मनसुख हिरेन की हत्या में गिरफ्तार पूर्व पुलिस अफसर प्रदीप शर्मा की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया।
जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने शर्मा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और एनआईए की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल की दलीलें सुनीं। रोहतगी ने कहा कि प्रदीप शर्मा सम्मानित पुलिस अधिकारी थे, जो सेवा के 37 वर्ष बाद सेवानिवृत्त हुए।
प्रदीप शर्मा पर फैसला सुरक्षित
उन्होंने कहा कि निलंबित पुलिस अफसर सचिन वाजे मामले में मुख्य आरोपित है और शर्मा को वाजे से जोड़ने का कोई प्रत्यक्ष सुबूत नहीं है। शर्मा पर महज हिरेन की हत्या में सह-साजिशकर्ता होने का आरोप है। शर्मा वाजे से मिले लेकिन इस दौरान उनमें क्या बात हुई? सामने नहीं आया है।
बता दें कि 24 जुलाई को शीर्ष अदालत ने पत्नी की सर्जरी के कारण शर्मा की अंतरिम जमानत दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी थी।
कौन हैं प्रदीप शर्मा?
प्रदीप शर्मा मुंबई पुलिस के स्पेशल ब्रांच में तेजतर्रार अधिकारी रह चुके हैं। उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से जाना जाता है। उनके नाम 100 से अधिक एनकाउंटर करने का रिकॉर्ड है। उन्होंने 1983 में पुलिस सेवा ज्वाइन की थी और 2019 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। इसके बाद उन्होंने राजनीति में एंट्री ली।
प्रदीप शर्मा ने 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन वह हार गए थे। इसके बाद 25 फरवरी, 2021 को रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक पदार्थ मिलने के मामले में वह चर्चा में आए थे। इससे जुड़े मामले में पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा की गिरफ्तारी हुई थी।

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