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Supreme Court: राज्य में फर्जी फार्मासिस्टों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को लगाई फटकार

बिहार में फर्जी फार्मासिस्टों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को नागरिकों की जीवन से खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। (File Photo)

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Wed, 30 Nov 2022 11:39 PM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 11:39 PM (IST)
Supreme Court: राज्य में फर्जी फार्मासिस्टों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को लगाई फटकार
राज्य में फर्जी फार्मासिस्टों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को लगाई फटकार

नई दिल्ली, आइएएनएस। बिहार में फर्जी फार्मासिस्टों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को नागरिकों की जीवन से खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि बिहार में फर्जी फार्मासिस्ट अस्पताल और मेडिकल स्टोर चला रहे हैं। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए।

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जस्टिस एमआर शाह और एमएम सुंदरेश ने कहा, 'राज्य सरकार और बिहार राज्य फार्मेसी परिषद को नागरिक के स्वास्थ्य और जीवन के साथ खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। फर्जी फार्मासिस्ट द्वारा मेडिकल स्टोर या अस्पताल चलाने से नागरिक के स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा।' कोर्ट ने कहा कि फार्मेसी काउंसिल और राज्य सरकार का यह कर्तव्य है कि यह सुनिश्चित करे कि अस्पताल/मेडिकल स्टोर केवल पंजीकृत फार्मासिस्ट द्वारा चलाए लाएं।

शीर्ष अदालत ने फार्मासिस्ट मुकेश कुमार की एक जनहित याचिका को बहाल करते हुए ये टिप्पणियां कीं। कोर्ट ने कहा कि अदालत ने कहा कि हाई कोर्ट ने जिस तरह से जनहित याचिका का निस्तारण किया है वह ठीक नहीं है। नागरिक के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित करने के मामले में हाई कोर्ट का रवैया कामचलाऊ था। उसने मामले की तह में जाने के बजाए मामले का निस्तारण कर दिया। हाई कोर्ट को बिहार राज्य फार्मेसी परिषद को मामले में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहना चाहिए था। हाई कोर्ट को यह भी रिपोर्ट मांगनी चाहिए थी कि बिहार राज्य फार्मेसी परिषद द्वारा प्रस्तुत तथ्यान्वेषी समिति की रिपोर्ट पर राज्य सरकार द्वारा कोई कार्रवाई की गई है या नहीं।

शीर्ष अदालत ने नौ दिसंबर, 2019 को पारित हाई कोर्ट के आदेश को यह कहते हुए रद कर दिया और चार सप्ताह के भीतर मुद्दों पर नए सिरे से फैसला करने के लिए मामले को वापस हाई कोर्ट में भेज दिया है। पीठ ने हाई कोर्ट से यह भी कहा कि फर्जी फार्मासिस्टों पर राज्य सरकार और बिहार राज्य फार्मेसी परिषद से विस्तृत रिपोर्ट मांगी जाए। हाई कोर्ट ने मामले का कर दिया था निस्तारण हाई कोर्ट में बिहार स्टेट फार्मेसी की ओर से कहा गया कि तथ्यान्वेषी समिति बनाकर इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी गई है। इसके बाद हाई कोर्ट ने जनहित याचिका का निस्तारण कर दिया था।

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