असम के मुख्यमंत्री पर बरसा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल को फटकार लगाई है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनसीआर) के मामले में बेसिरपैर का बयान देने पर सुप्रीम कोर्ट ने असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल को फटकार लगाई है। अदालत ने यहां तक कहा कि अगर आपको हमारे काम में दखल देने का शौैक है तो हम पीछे हट जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि उत्तर-पूर्व में स्थित असम में गैर कानूनी तरीके से रह रहे दूसरे देशों के नागरिक परेशानी की वजह बन चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इसका स्थाई समाधान निकालने के लिए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनसीआर) बनाने का आदेश दिया था। इसे सर्वोच्च अदालत की निगरानी में बनाया जा रहा है। इसे मार्च 2018 तक पूरा किया जाना है, लेकिन हाल ही में सोनेवाल ने बयान दिया था कि रजिस्टर दिसंबर 2017 तक बन जाएगा। जस्टिस रंजन गोगोई व आरएफ नरीमन की बेंच ने हैरत जताते हुए कहा कि जब सरकार का इस काम से कोई सरोकार नहीं है तो फिर मुख्यमंत्री ने ऐसा बयान क्यों दिया। राज्य सरकार की तरफ से पेश हुए वकील को झाड़ पिलाते हुए बेंच ने कहा कि ऐसे लगता है कि मुख्यमंत्री दूसरे के काम में ज्यादा रुचि लेते हैं।
केंद्र को भी लगी फटकार
भारत-बांग्लादेश सीमा पर की जा रही चारदीवारी के मामले में केंद्र सरकार को भी फटकार सुननी पड़ी। सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने बेंच को बताया कि चारदीवारी के निर्माण कार्य की निगरानी के लिए बनी कमेटी से पूर्व गृह सचिव मधुकर गुप्ता मुक्त होना चाहते हैं। उन्हें दूसरे विशेष काम भी करने हैं। रंजीत कुमार ने बेंच से कहा कि उनकी जगह किसी और को नियुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है। बेंच ने उनसे साफ लहजे में कहा कि आप कुछ नाम हमारे पास भेज दें, बाकी का काम अदालत करेगी। बेंच ने यह भी कहा कि इस काम में किसी पूर्व नौकरशाह को तैनात नहीं किया जाएगा। काम बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि बांग्लादेश से लगती सीमा बहुत ज्यादा संवेदनशील है। इसमें बहुत से सुराख हैं, जिनसे घुसपैठ की कोशिशें अक्सर होती रहती हैं।
यह भी पढ़ेंः महागठबंधन की सियासत का काउंटडाउन शुरू, जानें क्या है नीतीश 'राज' नीति
यह भी पढ़ेंः नारद स्टिंग मामले में ममता बनर्जी के पंचायत मंत्री व सांसद तलब