Move to Jagran APP

'आप काम करोगे नहीं, हम दखल देंगे तो कहोगे सरकार चला रहे हैं'

आश्रय घर बनाने के मामले में उप्र का रिकार्ड सबसे खराब है। केंद्र ने खुद माना है कि वहां कुल 92 आश्रय घर स्वीकृत किए गए थे, लेकिन अभी तक केवल पांच ही काम कर रहे हैं।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Wed, 10 Jan 2018 08:11 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jan 2018 08:11 PM (IST)
'आप काम करोगे नहीं, हम दखल देंगे तो कहोगे सरकार चला रहे हैं'
'आप काम करोगे नहीं, हम दखल देंगे तो कहोगे सरकार चला रहे हैं'

नई दिल्ली, प्रेट्र: शहरी बेघरों के लिए आश्रय घर बनाने के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई। अदालत का कहना था कि आप लोग काम ही नहीं करते हैं। अगर हम कुछ कहे तो फिर कहा जाता है कि सुप्रीम कोर्ट सरकार और देश को चलाता है। मामले की सुनवाई जस्टिस मदन बी लोकुर व दीपक गुप्ता की बेंच ने की।

loksabha election banner

आश्रय घर बनाने के मामले में उप्र का रिकार्ड सबसे खराब है। केंद्र ने खुद माना है कि वहां कुल 92 आश्रय घर स्वीकृत किए गए थे, लेकिन अभी तक केवल पांच ही काम कर रहे हैं। दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय पोषाहार मिशन के तहत यह काम सिरे चढ़ाया जा रहा है। सर्दी के दिनों में आश्रय घरों की मांग में तेजी से बढ़ोतरी होती है। इस मामले में केंद्र 75 फीसद आर्थिक सहायता मुहैया कराता है तो राज्यों को 25 फीसद हिस्सा वहन करना होता है। विशेष दर्जा वाले प्रदेशों के मामले में केंद्र की तरफ से 90 फीसद सहायता दी जाती है।

बेंच ने कहा कि दीनदयाल अंत्योदय योजना 2014 से अस्तित्व में है, लेकिन उप्र ने इसमें कुछ भी नहीं किया। राज्य सरकार की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शहरी बेघरों के लिए विजन डाक्यूमेंट तैयार किया गया है। इसके तहत एक लाख 80 हजार लोगों को आश्रय उपलब्ध कराने के लिए काम किया जा रहा है। मेहता ने अदालत से अपील की कि हर राज्य में दो सदस्यीय कमेटी को आश्रय घर बनाने के मामले की निगरानी का जिम्मा दिया जाए। अदालत ने केंद्र को कहा कि वह दो सप्ताह में हर राज्य में जिम्मेदार अधिकारी को तैनात करे। अगली सुनवाई आठ फरवरी को होगी।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक समिति का गठन किया है। शहरी बेघरों की स्थिति को देखने वाली समिति की रिपोर्ट है कि आश्रय घरों को बनाने में राज्य विशेषकर केंद्र शासित प्रदेश फिसड्डी हैं। इसकी देखरेख भी ठीक से नहीं की जा रही।

यह भी पढ़ेंः हैरान रह गए राहुल.... जब यूपी की महिला ने हत्यारे पति के लिए मांगी मदद

यह भी पढ़ेंः दुनिया के कई हिस्सों में इस साल ठंड ने तोड़ा रिकॉर्ड, चीन में जम गए बच्चे के सिर के बाल!


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.