सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम बजट को निरस्त करने की मांग वाली अर्जी को किया खारिज
चुनावी साल में सीमित अवधि के दौरान संविधान में पूर्ण बजट और लेखानुदान पेश करने का ही प्रावधान है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा में एक फरवरी को पेश अंतरिम बजट को निरस्त करने की मांग करने वाली जनहित याचिका सोमवार को खारिज कर दी। याचिका में दावा किया गया था कि संविधान में अंतरिम बजट का कोई प्रावधान नहीं है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा की याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह इस पर विचार करने की इच्छुक नहीं है। मनोहर लाल शर्मा ने व्यक्तिगत रूप से यह याचिका दायर की थी।
शर्मा ने अपनी याचिका में कहा था कि संविधान में पूर्ण बजट और लेखानुदान पेश करने का ही प्रावधान है। चुनावी साल में सीमित अवधि के दौरान सरकारी खर्च के लिए लेखानुदान का प्रावधान है जबकि बाद में निर्वाचित सरकार पूर्ण बजट पेश करती है।
लोकसभा में एक फरवरी को अंतिरम बजट पेश किया गया था जिसमें मध्यम वर्ग और किसानों के लिए अनेक राहतों की घोषणा की गई थी।
बता दें कि शीर्ष अदालत ने भारतीय रिजर्व बैंक से संबंधित एक मुद्दे को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने पर पिछले वर्ष दिसंबर में मनोहर लाल शर्मा पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी किया था।