सुप्रीम कोर्ट ने मनी लांड्रिंग मामले में वकील को नहीं दी जमानत
टंडन के लॉ फर्म पर कालाधन की जांच सिलसिले में छापा मारा गया था। छापे के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने वकील रोहित टंडन की जमानत याचिका ठुकरा दी। नोटबंदी के बाद मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले में वकील को गिरफ्तार किया गया था। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने शुक्रवार को वकील की जमानत याचिका खारिज कर दी।
टंडन के लॉ फर्म पर कालाधन की जांच सिलसिले में छापा मारा गया था। छापे के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनके लॉ फर्म से 13.6 करोड़ रुपये बरामद हुए थे। उन्होंने कथित रूप से करीब 60 करोड़ रुपये के बंद किए जा चुके नोट गैरकानूनी रूप से बदले थे।
टंडन की पैरवी करते हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कहा कि टंडन के खिलाफ मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कोई मामला नहीं दर्ज है। उन्होंने कहा कि अनगिनत नकदी मिली, लेकिन यह पीएमएलए के तहत अपराध नहीं है।
अतिरिक्त सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जमानत का विरोध किया। उन्होंने कहा कि टंडन ने गैरकानूनी रूप से नकदी बदलने का काम किया। इससे कालाधन के खिलाफ की गई कार्रवाई को नुकसान पहुंचा।
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