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कोरोना संक्रमण के इलाज की वस्तुओं के लिए पोर्टल का आदेश देने से सुप्रीम कोर्ट का इन्कार, जानें क्‍या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना कमोडिटीज की रियल टाइम इन्फारमेशन यानी कोरोना के इलाज में काम आने वाली वस्तुओं की रियल टाइम जानकारी देने वाला केंद्रीय पोर्टल बनाए जाने की मांग पर विचार करने से इन्कार कर दिया। पढ़ें य‍ह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 08:46 PM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 08:46 PM (IST)
कोरोना संक्रमण के इलाज की वस्तुओं के लिए पोर्टल का आदेश देने से सुप्रीम कोर्ट का इन्कार, जानें क्‍या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना कमोडिटीज पर केंद्रीय पोर्टल बनाए जाने की मांग पर विचार करने से इन्कार कर दिया।

नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना कमोडिटीज की रियल टाइम इन्फारमेशन यानी कोरोना के इलाज में काम आने वाली वस्तुओं की रियल टाइम जानकारी देने वाला केंद्रीय पोर्टल बनाए जाने की मांग पर विचार करने से इन्कार कर दिया। शीर्ष कोर्ट ने याचिकाकर्ता को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को अपने सुझाव और मांग देने को कहा है। ये निर्देश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, विक्रम नाथ और हिमा कोहली की पीठ ने एसएफएस स्कूल ओल्ड ब्वायज एसोसिएशन नागपुर की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए।

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याचिकाकर्ता की ओर से बहस करते हुए अरुणपाल सिंह बेहाल ने कोर्ट से कहा कि यह याचिका कोराना की दूसरी लहर के दौरान दाखिल की गई थी। याचिका के मुताबिक, कोरोना के इलाज में आवश्यक वस्तुएं जैसे आक्सीजन सिलेंडर, आक्सीजन कंसंट्रेटर, दवाइयां आदि के बारे में एक केंद्रीय पोर्टल हो जिस पर रियल टाइम जानकारी उपलब्ध हो। इससे न सिर्फ पारदर्शिता और एकरूपता सुनिश्चित होगी बल्कि चीजों की कालाबाजारी और जमाखोरी पर भी रोक लगेगी।

पीठ ने याचिका पर विचार करने से इन्कार करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता अपने सुझाव और केंद्रीय पोर्टल बनाए जाने की बात केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के समक्ष रख सकता है और उचित स्तर पर उसके सुझावों पर विचार किया जा सकता है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की इजाजत देते हुए उसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के पास जाने की छूट दे दी।

मालूम हो कि कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप पूरे देश में बहुत व्यापक रूप से हुआ था। इस दौरान दवाइयों, आक्सीजन तथा इलाज में काम आने वाली अन्य जरूरी चीजों की कमी पड़ गई थी। कई जगहों से चीजों की कालाबाजारी और जमाखोरी की भी शिकायतें आई थीं। सुप्रीम कोर्ट भी एक अन्य मामले में कोरोना इलाज के इंतजामों पर सुनवाई कर रहा है। कोर्ट ने आक्सीजन आपूर्ति और अन्य इंतजामों को देखने के लिए नेशलन टास्क फोर्स भी गठित की है। वह मामला अभी कोर्ट में लंबित है।

'लाल चींटी की चटनी के इस्तेमाल का नहीं दे सकते आदेश'

समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उस याचिका पर सुनवाई करने से इन्कार कर दिया जिसमें कोरोना संक्रमण से बचने और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लाल चींटी की चटनी के इस्तेमाल का आदेश देने की मांग की गई थी। जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता नयाधर पधियाल से कोरोना का टीका लगवाने के लिए कहते हुए याचिका खारिज कर दी। 


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