एयर इंडिया के विशेष विमानों में बीच की सीट पर आदेश में बदलाव से सुप्रीम कोर्ट का इन्कार
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुधवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश को चुनौती दी गई थी।
नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट ने विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए एयर इंडिया के विशेष विमानों में अगले 10 दिनों तक बीच की सीट बुक करने के अपने पूर्व के आदेश में बदलाव करने से इन्कार कर दिया है।
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुधवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश को चुनौती दी गई थी। शीर्ष अदालत ने सोमवार को बांबे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर अर्जेट सुनवाई करते हुए एयर इंडिया को अगले 10 दिनों तक विमान में बीच की सीट पर बुकिंग करने की अनुमति दे दी थी।
बांबे हाई कोर्ट ने शारीरिक दूरी बनाए रखने के मानकों का पालन करने के लिए एयर इंडिया से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में बीच की सीट पर बुकिंग नहीं करने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह बांबे हाई कोर्ट से इस मामले पर दुबारा सुनवाई करने के लिए कहेगा। बांबे हाई कोर्ट में अब इस मामले में दो जून को सुनवाई होने की संभावना है।
14 दिन के क्वारंटाइन खत्म करने पर केंद्र से मांगा जवा
वहीं, दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 के खिलाफ जंग में अग्रिम पंक्ति के योद्धा स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 14 दिन के क्वारंटाइन की अनिवार्यता खत्म करने संबंधी नई व्यवस्था पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने डॉक्टर आरूषि जैन द्वारा अपनी लंबित याचिका में दाखिल अर्जी पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को अगले सप्ताह तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
केंद्र सरकार को एक हफ्ते का दिया समय
डॉक्टर ने अपनी अर्जी में केंद्र की नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में कोविड-19 की अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 14 दिन का अनिवार्य क्वारंटाइन समाप्त करने पर सवाल उठाया है। पीठ ने अपने आदेश में कहा, 'अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने की अनुमति दी जाती है। सॉलिसिटर जनरल के अनुरोध पर इस मामले को अगले सप्ताह सूचीबद्ध किया जाए ताकि वह इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल कर सकें।'