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सुप्रीम कोर्ट ने दिए निर्देश, फैसले की तेजी से जानकारी के लिए फास्टर योजना लागू करें, कैदियों की दुर्दशा पर जताई चिंता

सुप्रीम कोर्ट ने जमानत मिलने के बावजूद जेल से रिहा नहीं किए जाने वाले कैदियों की दुर्दशा पर चिंता जताई है। अदालत ने इसके लिए अपनी योजना-फास्ट एंड सिक्योर ट्रांसमिशन आफ इलेक्ट्रानिक रिका‌र्ड्स (फास्टर) को लागू करने का निर्देश दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 11:06 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 11:42 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने दिए निर्देश, फैसले की तेजी से जानकारी के लिए फास्टर योजना लागू करें, कैदियों की दुर्दशा पर जताई चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत के बावजूद जेल से रिहा नहीं किए जाने वाले कैदियों की दुर्दशा पर चिंता जताई है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत मिलने के बावजूद जेल से रिहा नहीं किए जाने वाले कैदियों की दुर्दशा पर चिंता जताई है। अदालत ने इसके लिए अपनी योजना-फास्ट एंड सिक्योर ट्रांसमिशन आफ इलेक्ट्रानिक रिका‌र्ड्स (फास्टर) को लागू करने का निर्देश दिया है। इससे अदालत के फैसलों की तेजी से जानकारी मिल सकेगी और उसका शीघ्र अनुपालन संभव हो सकेगा। इसके साथ ही अदालत ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रत्येक जेल में तेज गति के साथ इंटरनेट सुविधा मुहैया कराने का भी निर्देश दिया है।

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प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, फास्टर प्रणाली से सुरक्षित इलेक्ट्रानिक संचार चैनल के जरिये ई-सत्यापित अंतरिम आदेश, स्थगन आदेश, जमानत आदेश और कार्यवाही का रिकार्ड भेजा जा सकेगा। एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इस आरोप पर गहरी चिंता जताई कि दिल्ली जिमखाना क्लब के रिकार्डों को नष्ट किया जा रहा है। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने क्लब के प्रशासक को निर्देश दिया कि परिसर की सीसीटीवी फुटेज को अगले आदेश तक सुरक्षित रखा जाए।

क्लब के रिकार्ड को नष्ट किए जाने को अदालत ने गंभीर मामला बताया। अभी एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद की सजा काट रहे दो कैदियों की समय से पहले रिहाई के प्रस्ताव पर फैसला नहीं करने के लिए केरल के अधिकारियों की खिंचाई की थी। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा था कि 'सरकारी प्रक्रिया' को अदालत के निर्देशों का पालन करना होगा। ये दोनों कैदी करीब 28 साल से सजा भुगत रहे हैं। इनको तत्काल जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।


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