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Supreme Court on CAA: सीएए समेत 200 से अधिक याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court on CAA सीजेआइ यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ सीएए कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। कुल 220 याचिकाओं में से 200 जनहित याचिकाएं हैं। वहीं कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने भी याचिका दायर कर रखी है।

By Mahen KhannaEdited By: Published: Mon, 12 Sep 2022 06:27 AM (IST)Updated: Mon, 12 Sep 2022 06:27 AM (IST)
Supreme Court on CAA: सीएए समेत 200 से अधिक याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट में आज सीएए पर होगी सुनवाई।

नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट आज विवादास्पद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं समेत 200 से अधिक जनहित याचिकाओं (पीआइएल) पर सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ सीएए की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई सूची के अनुसार मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए 220 याचिकाएं सूचीबद्ध हैं। इनमें सीएए के खिलाफ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आइयूएमएल) की प्रमुख याचिका भी शामिल है।

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कई जनहित याचिकाओं पर भी सुनवाई

शीर्ष अदालत में कुछ वर्षों से लंबित कई जनहित याचिकाओं पर भी सुनवाई होगी। प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ कुछ अन्य जनहित याचिकाओं पर भी सुनवाई करने वाली है, जिसमें एक संगठन ह्यवी द वूमन आफ इंडिया द्वारा दायर याचिका भी शामिल है। सीएए के तहत 31 दिसंबर 2014 को या फिर उससे पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रविधान है।

केंद्र सरकार को जारी हो चुका नोटिस

कानून के क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए शीर्ष अदालत ने 18 दिसंबर 2019 को संबंधित याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जनवरी 2020 के दूसरे सप्ताह तक जवाब दाखिल करने को कहा था। हालांकि, कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए लागू प्रतिबंधों के कारण यह मामला सुनवाई के लिए नहीं आ सका, क्योंकि इसमें बड़ी संख्या में वकील और वादी शामिल थे।

याचिकाकर्ताओं की यह है दलील

सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं में से एक आइयूएमएल ने अपनी याचिका में कहा है कि यह कानून समानता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है और अवैध प्रवासियों के एक वर्ग को धर्म के आधार पर नागरिकता देने का इरादा रखता है। अधिवक्ता पल्लवी प्रताप के माध्यम से आइयूएमएल द्वारा दायर याचिका में कानून के संचालन पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की गई है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि यह अधिनियम संविधान के तहत परिकल्पित मूल मौलिक अधिकारों पर एक बेरहम हमला है और यह बराबर को असमान मानता है।

इन्होंने भी सीएए के विरोध में दायर कर रखी हैं याचिकाएं

राजद नेता मनोज झा, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और एआइएमआइएम नेता असदुद्दीन ओवैसी, मुस्लिम निकाय जमीयत उलमा-ए-हिंद, आल असम स्टूडेंट्स यूनियन, पीस पार्टी, सीपीआइ, एनजीओ रिहाई मंच और सिटिजन्स अगेंस्ट हेट, अधिवक्ता एमएल शर्मा। इनके अलावा कई वकीलों ने भी सीएए के विरोध में याचिका दायर की हुई हैं।


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