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अर्नब मामले में सुप्रीम कोर्ट ने किया साफ, कहा- विशेषाधिकार समिति की कार्रवाई पर ही करेंगे सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पत्रकार अर्नब गोस्वामी के मामले में वह तभी विचार करेगा जब महाराष्ट्र विधानसभा की विशेषाधिकार समिति उनके खिलाफ किसी कार्रवाई का फैसला करती है। अदालत ने कहा कि कार्रवाई के खिलाफ वह अपील कर सकते हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 06:01 AM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 06:01 AM (IST)
अर्नब मामले में सुप्रीम कोर्ट ने किया साफ, कहा- विशेषाधिकार समिति की कार्रवाई पर ही करेंगे सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अर्नब गोस्वामी महाराष्ट्र विधानसभा कार्रवाई के खिलाफ अपील कर सकते हैं।

नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पत्रकार अर्नब गोस्वामी के मामले में वह तभी विचार करेगा जब महाराष्ट्र विधानसभा की विशेषाधिकार समिति उनके खिलाफ किसी कार्रवाई का फैसला करती है। कार्रवाई के निर्णय के खिलाफ वह शीर्ष न्यायालय में आ सकते हैं। फिलहाल वह विशेषाधिकार हनन मामले में सुनवाई की प्रक्रिया का सामना करें।

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दरअसल, अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में टीवी पत्रकार गोस्वामी की मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ टिप्पणी को महाराष्ट्र विधानसभा ने अमर्यादित माना है। इसी के चलते पत्रकार के खिलाफ विशेषाधिकार हनन मामले की प्रक्रिया शुरू करते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया है। गोस्वामी इस नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट आए थे।

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, कोर्ट कानून का पूरा सम्मान करेगी। हमारी भूमिका तब शुरू होती है जब विशेषाधिकार समिति किसी तरह की कार्रवाई का फैसला ले और उसके खिलाफ कोई कोर्ट में आए। केवल कारण बताओ नोटिस के आधार पर कोई फैसला नहीं दिया जा सकता।

पीठ ने मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दी है। जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम भी पीठ में शामिल हैं। सुनवाई में गोस्वामी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे कोर्ट में पेश हुए। पीठ ने उनसे पूछा कि मामले में महाधिवक्ता तुषार मेहता क्यों कोर्ट में आए ? मामले में भारत सरकार तो प्रतिवादी नहीं है?

तब साल्वे ने बताया कि मामले में भारत सरकार को भी नोटिस दिया गया है। इस पर कोर्ट ने उन्हें शपथ पत्र देने के लिए कहा। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने अपने पिता अरविंद श्रीनिवास बोबडे और प्रख्यात अधिवक्ता स्वर्गीय ननी पालकीवाला को वर्षों पहले महाराष्ट्र विधानसभा से मिले इसी प्रकार के नोटिस वाले घटनाक्रम को याद किया।

इनमें एक विधायक ने दूसरे विधायक के विषय में कुछ कहा था और नोटिस जारी कर दिया गया था बोबडे और पालकीवाला को। वहीं मुंबई पुलिस ने रविवार को टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स (टीआरपी) घोटाले की जांच के सिलसिले में रिपब्लिक टीवी के सीईओ और सीओओ से लंबी पूछताछ की। 


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