Move to Jagran APP

सुप्रीम कोर्ट ने बदला अपना आदेश, सिनेमाहाल में राष्‍ट्रगान अब जरूरी नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने 30 नवंबर 2016 के आदेश में सिनेमाहाल में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान के बजाने को अनिवार्य कर दिया था।

By Pratibha KumariEdited By: Published: Tue, 09 Jan 2018 01:13 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jan 2018 02:36 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने बदला अपना आदेश, सिनेमाहाल में राष्‍ट्रगान अब जरूरी नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने बदला अपना आदेश, सिनेमाहाल में राष्‍ट्रगान अब जरूरी नहीं

नई दिल्ली, जेएनएन। सिनेमाहाल में फिल्‍म शुरू होने से पहले राष्‍ट्रगान बजाने के अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने बदलाव कर दिया है। अब शीर्ष कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सिनेमाहाल में राष्‍ट्रगान बजाना जरूरी नहीं है। इसे अनिवार्य किए जाने पर कई लोगों ने इसका विरोध किया था। सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई थी। विरोध करने वालों को देशद्रोही माना जाने लगा था। वहीं विरोधी पक्ष का कहना था कि वे मनोरंजन के लिए सिनेमाहाल जाते हैं, उन पर जबदस्‍ती देशभक्ति ना थोपा जाए।

loksabha election banner

बदलाव के लिए केंद्र ने की थी अपील

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि वह अपने आदेश में बदलाव करे। चार पेज के हलफनामे में केंद्र ने तर्क दिया था कि वह एक अंतर मंत्रीमंडलीय समिति का गठन करने जा रहा है। उसकी रिपोर्ट के आधार पर सरकार नए सिरे से अधिसूचना जारी करेगी। तब तक अदालत आदेश पर रोक लगाए।

पिछले साल जारी किया था आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने 30 नवंबर 2016 के आदेश में सिनेमाहाल में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान के बजाने को अनिवार्य कर दिया था। उस दौरान लोगों को हर हाल में खड़े होना था। हालांकि बाद में दिव्यांगों के लिए अदालत ने अपने आदेश में संशोधन भी किया था।

चौकसे की याचिका पर सुनाया था फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला श्याम प्रसाद चौकसे की याचिका पर सुनाया था। उनकी मांग थी कि आम जन में राष्ट्र के प्रति सम्मान जगाने का यह कारगर तरीका है। 23 अक्टूबर को अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि सिनेमाहाल में राष्ट्रगान बजाने का फैसला बेहतरीन है और इससे सारे देश में एकता का भाव पैदा होता है, लेकिन यह काम सरकार पर छोड़ना चाहिए कि राष्ट्रगान कैसे बजाया जाए और लोग किस तरह से उसके प्रति सम्मान दर्शाएं।

राष्ट्रगान पर खड़ा होना देशभक्ति का पैमाना नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी अपना फैसला सुनाते हुए यह माना था कि लोगों की देशभक्ति का पता लगाने के लिए राष्ट्रगान पर खड़ा होना भर कोई पैमाना नहीं है। जबकि लोग इसे देशभक्ति से जोड़कर देखने लगे थे और जो सिनेमाहाल में राष्‍ट्रगान बजाने पर खड़े नहीं हो रहे थे, उन्‍हें आलोचनाएं झेलनी पड़ रही थी। कई बड़ी हस्तियां भी इसमें शामिल हैं। कई नेताओं ने बागी तेवर अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को मानने से इंकार भी कर दिया था। इसको लेकर काफी फजीहत भी हुई थी।

फैसले के बाद हिंसा की घटनाएं भी सामने आईं

इस फैसले को लेकर देशभर से हिंसा की कई घटनाएं भी सामने आई थीं, जिसमें भीड़ ने किसी कारण से खड़े नहीं होने पर लोगों को पीट दिया था। कुछ ऐसी भी घटनाएं सामने आईं, जिसमें शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति राष्ट्रगान के समय सिनेमाहाल में खड़ा नहीं हो सका और भीड़ ने उसे निशाना बना दिया। पूरे परिवार को सिनेमाहाल से बाहर कर दिया गया। इस तरह की घटनाओं को लेकर सरकार को कड़ी आलोचनाएं झेलनी पड़ीं।

अधिसूचना जारी कर केंद्र बनाएगा नए नियम

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा था कि वह नियमों में बदलाव का मसौदा तैयार करे। हलफनामे में सरकार ने शीर्ष कोर्ट को बताया है कि किस तरह से मंत्रालयों की समिति बनाई जाएगी और छह माह के भीतर यह अपनी सिफारिश देगी। उसके बाद केंद्र एक अधिसूचना जारी करके नए नियम बनाएगा।

यह भी पढ़ें: बाहुबली सांसद के बेटे का बिना मैच खेले क्रिकेट टीम में हुआ चयन, मचा बवाल

यह भी पढ़ें: भाजपा के 'शत्रु' पर गिरी बीएमसी की गाज, ढहाया बंगले का अवैध ढांचा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.