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सुप्रीम कोर्ट के वकील का दावा, सीजेआई पर लगाए गए आरोप उन्‍हें बदनाम करने की साजिश, बताई यह कहानी

सुप्रीम कोर्ट के वकील उत्‍सव बैंस ने अपनी फेसबुक पोस्‍ट में दावा किया है कि मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) पर उक्‍त आरोप उन्‍हें बदनाम करने की साजिश के तहत लगाए गए

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 03:40 PM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 03:31 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट के वकील का दावा, सीजेआई पर लगाए गए आरोप उन्‍हें बदनाम करने की साजिश, बताई यह कहानी
सुप्रीम कोर्ट के वकील का दावा, सीजेआई पर लगाए गए आरोप उन्‍हें बदनाम करने की साजिश, बताई यह कहानी

नई दिल्‍ली, एजेंसी। Harassment allegations against CJI Ranjan Gogoi सुप्रीम कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई पर लगे यौन शोषण के आरोप के मामले में शीर्ष अदालत के वकील उत्‍सव बैंस ने अपनी फेसबुक पोस्‍ट में कहा है कि सीजेआई पर उक्‍त आरोप उन्‍हें बदनाम करने की साजिश के तहत लगाए गए हैं ताकि वह घबराकर अपने पद से इस्‍तीफा दे दें। बैंस का दावा है कि इस साजिश में उनसे भी संपर्क किया गया था और डेढ़ करोड़ की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्‍होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया था।

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वकील उत्‍सव बैंस का दावा है कि उनसे एक युवक के द्वारा प्रेस क्‍लब ऑफ इंडिया में इस बारे में मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) के खिलाफ एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करने को कहा गया था। उस शख्‍स ने आसाराम केस में पीडि़ता के पक्ष में मेरे किए गए काम की सराहना की। उस व्‍यक्ति ने यह भी दावा किया कि वह पीडि़ता का रिश्‍तेदार है लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगा। वह शख्‍स एक ट्रेड एजेंट की तरह लग रहा था और मेरे सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। मैंने उससे सवाल किया था कि पीडि़ता के साथ आपका क्या रिश्‍ता है। अचानक, उसने मुझसे कहा कि यदि मैं पीडि़ता की पैरवी करता हूं तो वह इस केस के लिए मुझको 50 लाख रुपये देगा। इसके साथ ही उसने मुझको प्रेस क्‍लब ऑफ इंडिया में प्रेस कांफ्रेंस करने के लिए कहा, लेकिन मैंने मना कर दिया। मैंने उसकी पेशकश ठुकरा दी थी।

मेरे इनकार करने के बाद उसने दोबारा मुझे 1.5 करोड़ रुपये देने की बात कही। इसके बाद मैंने उसे इनकार करते हुए ऑफ‍िस से चले जाने के लिए कहा। फ‍िर मैंने दिल्‍ली के भरोसेमंद सूत्रों से मामले की तहकीकात की तो पता चला कि सर्वोच्‍च अदालत के मुख्‍य न्‍यायाधीश के साथ एक बड़ी साजिश रची जा रही है ताकि वह घबराकर अपने पद से इस्‍तीफा दे दें। इसमें दिल्‍ली के कई दिग्‍गज शामिल हैं। अपने भरोसेमंद सूत्रों से जब मुझको इस साजिश के बारे यकीन हो गया तब मैं मुख्‍य न्‍यायाधीश के आवास पर उन्‍हें सचेत करने गया लेकिन वह घर पर मौजूद नहीं थे। मेरे सीडीआर टॉवर लोकेशन से इस बारे में ब्‍यौरा जुटाया जा सकता है।

वकील उत्‍सव बैंस लिखा है कि मेरे साथ जो घटना हुई इस बारे में मैंने अपनी अंतरआत्‍मा की आवाज सुनकर फैसला लिया कि इस साजिश को सबके सामने लाना चाहिए। बता दें कि मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई पर सुप्रीम कोर्ट की ही एक पूर्व कर्मचारी ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले शनिवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि इस तरह के आरोप न्यायपालिका की स्वायतता के खिलाफ साजिश हैं। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि मुझे नहीं लगता है कि मैं इतने निचले स्तर तक भी नहीं जा सकता कि ऐसे आरोपों को खारिज करूं। इसके पीछे कोई बड़ी ताकत है। वे मुख्य न्यायाधीश के दफ्तर को बदनाम करना चाहते हैं।

एक समय CJI पर खुद ही सवाल उठा चुके हैं जस्टिस रंजन गोगोई; जानें क्या था पूरा मामला

जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि वह अगले सप्ताह कुछ महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई करने वाले थे, इसलिए उनको निशाना बनाया गया है। बता दें कि कोर्ट अगले सप्ताह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अवमानना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीवनी पर आधारित फिल्म और तमिलनाडु चुनाव पर सुनवाई करने वाला है। महिला की शिकायत पर उचित पीठ बाद मे सुनवाई करेगी। जस्टिस गोगोई ने यह भी कहा कि वह पद पर रहेंगे और आगे भी बिना किसी भय या पक्षपात के अपने कर्तव्य का निर्वहन करते रहेंगे।

उल्‍लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि न्यायपालिका को बलि का बकरा नहीं बनाया जा सकता है। कोर्ट ने मीडिया से भी कहा था कि उसे शिकायत के तथ्य जांचे परखे बगैर उसे प्रकाशित नहीं करने चाहिए। मालूम हो कि आरोप लगाने वाली महिला पर धोखाधड़ी का भी मामला लंबित है जिसमे वह फिलहाल जमानत पर है और शिकायतकर्ता ने जमानत रद करने की निचली अदालत में अर्जी दे रखी है। इसके अलावा नौकरी में लापरवाही और अन्य आरोपों पर महिला कर्मचारी को विभागीय जांच के बाद नौकरी से निकाल दिया गया था।


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