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जानलेवा है सुप्रीम कोर्ट के जज की नौकरी

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस जेएस खेहर का मानना है कि यहां पर सात-आठ साल तक जज के तौर पर काम करना जानलेवा है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2015 01:36 AM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2015 02:02 AM (IST)
जानलेवा है सुप्रीम कोर्ट के जज की नौकरी

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस जेएस खेहर का मानना है कि यहां पर सात-आठ साल तक जज के तौर पर काम करना जानलेवा है। जिस तरह के दबाव में सुप्रीम कोर्ट के जजों को काम करना पड़ता है, वह उनको धीरे-धीरे खत्म करता रहता है। जस्टिस खेहर ने कोलेजियम व्यवस्था में सुधार पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान यह बात कही। 13 सितंबर, 2011 को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनने वाले जस्टिस खेहर का कार्यकाल 27 अगस्त, 2017 तक है। वे देश के अगले मुख्य न्यायाधीश हैं।

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अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुझाव दिया कि प्रतिभा रहने पर किसी को 40-42 साल की उम्र में भी जज बनाने पर विचार किया जाना चाहिए। इस पर जस्टिस खेहर ने कहा कि यहां पर एक जज के तौर पर किसी व्यक्ति के लिए 20 साल बिताना बेहद मुश्किल हो जाएगा।

पढ़ेंः कोलेजियम प्रणाली में पूरी तरह से बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट का इंकार


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