1984 सिख दंगा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सज्जन कुमार को जारी किया नोटिस
न्यायमूर्ति एके सीकरी और अशोक भूषण की पीठ ने एसआईटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि घटना 34 साल पुरानी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 1984 के सिख दंगों में आरोपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन कुमार की अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली एसआईटी की याचिका पर सज्जन कुमार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने कुमार से दो सप्ताह में याचिका का जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति एके सीकरी और अशोक भूषण की पीठ ने एसआईटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि घटना 34 साल पुरानी है। ऐसे मामलों का जल्द ट्रायल होकर निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए। पीठ ने सज्जन कुमार की अग्रिम जमानत को सही ठहराने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के 200 पेज के आदेश पर भी सवाल उठाया।
पीठ ने कहा कि ये आदेश 40 -50 पेज में भी हो सकता था। पीठ ने एसआईटी को ओर से पेश होकर सज्जन कुमार की अग्रिम जमानत का विरोध कर रहे एडीशनल सालिसिटर जनरल मनिंदर सिंह से पूछा कि मामले की जांच की क्या स्थिति है। इस पर सिंह ने कहा कि एसआइटी ने मामले की जांच 2016 से शुरू की है। उन्होंने सज्जन कुमार पर जांच में सहयोग न करने का भी आरोप लगाया।
सिंह ने कहा कि एसआइटी ने 21 नवंबर 2016 को सज्जन कुमार को पूछताछ के लिए सम्मन किया था, लेकिन उन्होंने सहयोग नहीं दिया। अब जब वे एसआइटी में पेश हुए तो उनके साथ वकीलों की भीड़ और कोर्ट का अग्रिम जमानत का आदेश है जिसके कारण उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने कुमार को इस आधार पर अग्रिम जमानत दे दी है कि घटना के समय और जांच के बीच लंबा अंतराल है। हाईकोर्ट ने भी ट्रायल कोर्ट के अग्रिम जमानत देने के आदेश को सही ठहराया है।
मालूम हो कि दिल्ली हाईकोर्ट ने गत 22 फरवरी को कुमार को अग्रिम जमानत देने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए कहा था कि रिकार्ड देखने से पता चलता है कि कुमार जांच के दौरान उपलब्ध रहे थे और उनकी ओर से कहा गया है कि वे ऐसा करना जारी रखेंगे।