COVID-19: 4G की मांग पर जम्मू कश्मीर को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, मांगा जवाब
जम्मू कश्मीर में 4G की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब की मांग की है और इसके लिए नोटिस जारी कर दिया है।
नई दिल्ली, माला दीक्षित। नए कोरोना वायरस के कारण देश भर में गत 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के बीच जम्मू कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट में 4G स्पीड की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने यहां की सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसके लिए कोर्ट ने राज्य को एक सप्ताह का समय दिया है। बता दें कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण का आंकड़ा 5 हजार से अधिक हो गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जम्मू कश्मीर में अब तक संक्रमण के कुल 58 मामले सामने आए हैं जिसमें से 4 मरीजों की मौत हो गई।
याचिकाकर्ता शदन फरसत की ओर से सीनियर एडवोकेट हुजेफा अहमदी ने कहा कि जारी लॉकडाउन के कारण मौजूदा हालात को देखते हुए तकनीक ओर कनेक्टीविटी को बढ़ाना काफी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्कूलों के बंद होने के कारण छात्र-छात्राओंं के लिए वर्चुअल क्लास केवल तकनीक और बेहतर कनेक्टीविटी के जरिए ही हो सकता है।
इसके लिए दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि वर्चुअल क्लास के लिए 2G स्पीड का इंटरनेट पर्याप्त नहीं है। जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता में जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और बीआर गवई की तीन जजों वाली बेंच ने मामले की सुनवाई की। मामले की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की गई।
सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले में जम्मू-कश्मीर के स्थायी वकील को नोटिस जारी किया है। वर्ष 2019 के अगस्त माह में जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया। इसके बाद यहां कई प्रतिबंध लगाए गए थे।
इस साल 24 जनवरी को केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में 2जी मोबाइल सेवाओं की शुरुआत हुई थी। पोस्टपेड और प्रीपेड मोबाइल फोन की सुविधाएं भी चालू की गई थी। इससे पहले 5 माह तक यहां प्रतिबंध लागू किया गया था। प्रशासन ने केवल 301 वेबसाइटों को खोलने की ही अनुमति दी थी।