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सुप्रीम कोर्ट में CAA की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर अब 19 सितंबर को होगी सुनवाई

Hearing on CAA सुप्रीम कोर्ट में सीएए के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी। बता दें कि चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।

By Manish NegiEdited By: Published: Mon, 12 Sep 2022 08:14 AM (IST)Updated: Mon, 12 Sep 2022 02:13 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट में CAA की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर अब 19 सितंबर को होगी सुनवाई
CAA के खिलाफ याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई एक हफ्ते के लिए टल गई है। सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर अब 19 सितंबर को सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ सीएए के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। सीएए के खिलाफ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आइयूएमएल) के अलावा कई लोगों ने याचिकाएं दायर की हैं।

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केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर चुकी है कोर्ट

सीएए के तहत 31 दिसंबर 2014 को या फिर उससे पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। कानून के क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए शीर्ष अदालत ने 18 दिसंबर 2019 को संबंधित याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जनवरी 2020 के दूसरे सप्ताह तक जवाब दाखिल करने को कहा था। हालांकि, कोरोना संक्रमण के कारण लगे प्रतिबंधों के चलते इस मसले पर सुनवाई नहीं हो सकी।

क्या है आइयूएमएल की दलील?

सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं में से एक आइयूएमएल ने अपनी याचिका में कहा है कि यह कानून समानता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है और अवैध प्रवासियों के एक वर्ग को धर्म के आधार पर नागरिकता देने का इरादा रखता है। अधिवक्ता पल्लवी प्रताप के माध्यम से आइयूएमएल द्वारा दायर याचिका में कानून के संचालन पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की गई है।

जयराम रमेश ने भी दायर की याचिका

इसको लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी याचिका दायर की है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि ये अधिनियम मूल मौलिक अधिकारों पर एक हमला है। इसमें बराबरी को असमानता माना गया है। जयराम रमेश के अलावा राजद नेता मनोज झा, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और एआइएमआइएम नेता असदुद्दीन ओवैसी, मुस्लिम निकाय जमीयत उलमा-ए-हिंद, आल असम स्टूडेंट्स यूनियन, पीस पार्टी, सीपीआइ, एनजीओ रिहाई मंच और सिटिजन्स अगेंस्ट हेट, अधिवक्ता एमएल शर्मा की तरफ से भी याचिकाएं दायर की गई हैं।


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