नई दिल्ली, एजेंसी। रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में बताया है कि उसने वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) के बकाये के चार किस्तों में भुगतान संबंधी अपने पत्र को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही 2019-22 के वर्षों के लिए पूर्व सैनिकों को 28 हजार करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान की समय सारणी भी दाखिल की।
पीठ ने की थी सरकार की जमकर खिंचाई
ओआरओपी बकायों का चार किस्तों में भुगतान पर एकपक्षीय फैसला करने के लिए शीर्ष अदालत ने 13 मार्च को सरकार की जमकर खिंचाई की थी। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने हलफनामा और अनुपालन नोट दाखिल किया। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सरकार से कहा था, अगर वह चाहती है कि समय बढ़ाने की उसकी याचिका पर सुनवाई की जाए तो उसे 20 जनवरी का अपना पत्र तत्काल वापस ले लेना चाहिए।
सोमवार को याचिका पर सुनवाई करेगी पीठ
बता दें कि पीठ सोमवार को ओआरओपी बकायों के भुगतान पर इंडियन एक्स-सर्विसमैन मूवमेंट (आइईएसएम) की याचिका पर सुनवाई करेगी। 17 मार्च को अनुपालन नोट में रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में उसका बजट आवंटन 5.85 लाख करोड़ रुपये है। इसमें से करीब 1.32 लाख करोड़ रुपये कुल पेंशन वितरण के लिए योजनागत व्यय है। इस वित्त वर्ष के लिए मंत्रालय के तहत सभी पेंशनभोगियों को 1.20 लाख करोड़ रुपये की धनराशि फरवरी, 2023 तक वितरित की जा चुकी है और इसमें कोई समस्या नहीं हुई है।
ओआरओपी बकाये के भुगतान पर सरकार ने क्या कहा
ओआरओपी बकाये के भुगतान पर सरकार ने कहा, 'बकाये के लिए परिव्यय 28,000 करोड़ रुपये का है। 2022-23 के लिए नियोजित बजट परिव्यय इस भारी परिव्यय को एक बार में संभालने की स्थिति में नहीं है।'