दलित उत्पीड़न मामले में तीन मई को सुप्रीम कोर्ट करेगा पुनर्विचार
केके वेणुगोपाल ने अदालत से कहा कि इस मामले में सरकार अपना लिखित पक्ष रख चुकी है। इसके साथ ही चार राज्यों ने भी फैसले पर पुनर्विचार की याचिका दाखिल कर दी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट दलित उत्पीड़न मामले में पुनर्विचार याचिका पर तीन मई को सुनवाई करेगा। सरकार की ओर से एटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने इस मामले में जल्द सुनवाई की अपील की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। गौरतलब है कि 20 मार्च को अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति-जनजाति उत्पीड़न निरोधक कानून के तहत आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।
केके वेणुगोपाल ने अदालत से कहा कि इस मामले में सरकार अपना लिखित पक्ष रख चुकी है। इसके साथ ही चार राज्यों ने भी फैसले पर पुनर्विचार की याचिका दाखिल कर दी है। ऐसे में इस मामले में जल्द सुनवाई होनी चाहिए। अदालत अगले हफ्ते तीन मई को इस मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गया है।
ध्यान देने की बात है कि दलित उत्पीड़न के मामलों में आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाने के फैसले के बाद इसने राजनीतिक रंग ले लिया था। विपक्ष की ओर से इसका ठीकरा सरकार के सिर फोड़ा गया था और चुनाव में भी इसे मुद्दा बनाया जाने लगा था। सरकार ने भी हर पहलू पर विचार के बाद दो अप्रैल को इस फैसले पर पुनर्विचार के लिए शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की थी। सरकार की ओर से यह भी संकेत दिया जा चुका है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपना रुख नहीं बदला तो फिर अध्यादेश लाकर भी पुराने कानून को स्थापित किया जा सकता है।