'ऐसे मामलों में आरोपी को जमानत के लिए कोर्ट तक आना दुर्भाग्यपूर्ण', SC ने क्यों की ऐसी सख्त टिप्पणी?
सुप्रीम कोर्ट ने धोखाधड़ी के एक मामले में एक 65 वर्षीय व्यक्ति को जमानत देते हुए खेद व्यक्त किया। आरोपी जो 50 प्रतिशत ²ष्टिबाधित हैं पिछले सात महीनों ...और पढ़ें

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने धोखाधड़ी के एक मामले में 65 वर्षीय व्यक्ति को जमानत देते हुए खेद व्यक्त किया कि इतनी साधारण प्रकृति के मामले में आरोपी को शीर्ष न्यायालय तक आना पड़ा। आरोपित 50 प्रतिशत ²ष्टिबाधित हैं और पिछले सात महीनों से जेल में बंद है।
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने 19 मई को आदेश पारित करते हुए कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे मामलों में भी आरोपित को जमानत के लिए इस कोर्ट तक आना पड़ता है। कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि मामले में आरोपपत्र दाखिल
ट्रायल कोर्ट को उचित शर्तों पर जमानत देने का आदेश दिया गया है। आदेश में कहा गया कि ट्रायल कोर्ट आरोपित को नियमित रूप से हर सुनवाई की तारीख पर उपस्थित रहने और मुकदमे की शीघ्र सुनवाई में सहयोग करने की शर्त के साथ जमानत पर रिहा करे। कोर्ट ने कहा कि आरोपित पर लगाई गई सभी धाराएं मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय हैं।

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