Move to Jagran APP

प्रसारण सेवाओं के नियमन की मांग संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया नोटिस

याचिकाकर्ता ने सम्मान के साथ जीवन के अधिकार की सुरक्षा के लिए शीर्ष अदालत से अनुरोध किया है क्योंकि संविधान में इस अधिकार की गारंटी दी गई है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 06:44 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 06:48 PM (IST)
प्रसारण सेवाओं के नियमन की मांग संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया नोटिस
प्रसारण सेवाओं के नियमन की मांग संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया नोटिस

नई दिल्ली, प्रेट्र। देश में प्रसारण सेवाओं के नियमन और उनकी सुगमता के लिए स्वतंत्र निकाय की स्थापना के निर्देश देने की मांग संबंधी एक जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब तलब किया।

prime article banner

प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी. रामासुब्रमणियन की पीठ ने दिल्ली निवासी अधिवक्ता रीपक कंसल की याचिका पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अलावा न्यूज ब्रॉडकास्टर एसोसिएशन (NBA), द न्यूज ब्रॉडक्रास्टिंग स्टैंड‌र्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NBSA) और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) को भी नाटिस जारी किए हैं।

स्वतंत्र निकाय का किया जाए गठन

याचिका में कहा गया है कि महत्वपूर्ण मसलों पर टीवी न्यूज चैनलों की सनसनीखेज रिपोर्टिग और भाषणबाजी पर रोक लगाने के लिए ब्रॉडकास्ट रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नाम से एक स्वतंत्र निकाय का गठन किया जाना चाहिए।

इलेक्ट्रॉनिक चैनल इस अधिकार की कर रहे हत्या

याचिकाकर्ता ने सम्मान के साथ जीवन के अधिकार की सुरक्षा के लिए शीर्ष अदालत से अनुरोध किया है क्योंकि संविधान में इस अधिकार की गारंटी दी गई है। प्रेस होने का दावा करने वाले अनियंत्रित इलेक्ट्रॉनिक चैनल इस अधिकार की हत्या कर रहे हैं। याचिकाकर्ता ने अपने दावे के समर्थन में कुछ समाचार चैनलों की रिपोर्टिग का हवाला भी दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.