आइएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को राहत से इन्कार का फैसला सुप्रीम कोर्ट में खारिज
प्रधान न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले में किसी भी पहलू का उल्लेख नहीं किया गया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के एक आदेश को खारिज कर दिया। इस आदेश में हाई कोर्ट ने भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की उस याचिका पर हस्तक्षेप से इन्कार कर दिया था जिसमें हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव विनीत चौधरी द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि याचिका पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
- हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट को तार्किक आदेश जारी करने के लिए वापस भेजा मानहानि मामला
प्रधान न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले में किसी भी पहलू का उल्लेख नहीं किया गया और न ही याचिकाकर्ता की किसी दलील का जवाब दिया गया है। लिहाजा शीर्ष अदालत ने तार्किक आदेश जारी करने के मामले को वापस हाई कोर्ट भेज दिया।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश कैडर के 1982 के आइएएस अधिकारी और दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पूर्व उपनिदेशक विनीत चौधरी ने अप्रैल 2016 में संजीव चतुर्वेदी के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था। उन्होंने संजीव चतुर्वेदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनकी विजिलेंस प्रोफाइल को सार्वजनिक कर दिया।
उन्होंने संजीव चतुर्वेदी पर उस गोपनीय पत्र को भी सार्वजनिक करने का आरोप लगाया जो संजीव ने एम्स के चीफ विजिलेंस ऑफीसर की हैसियत से 16 अगस्त, 2014 को हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव को लिखा था। इस पत्र में विनीत चौधरी के खिलाफ लंबित भ्रष्टाचार/विभागीय/जांचों की कार्यवाहियों के बारे में सूचना दी गई थी। विनीत चौधरी का कहना था कि यह पत्र उनकी मानहानि करने और छवि धूमिल करने के लिए सार्वजनिक किया गया था।